...

0 views

हो सके तो, दो आंसु
ईतने सूखे पत्ते रास्ते मे भरे पडे है,
जो कभी हरे थे।

ईन पत्तों को, कोन याद रखता है भला,
कभी गलति से याद भि आए ,

दो अनमोल आंसु भि नसीब मे हो, या ना हो।
© All Rights Reserved