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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस
सुकोमल,विशाल हृदय की स्वामिनी
किसी विषय से नहीं है अनजानी
प्रेम सदा वो दिल से करती
इसलिए दुनिया उसको छलती
जगत का सम्मान है नारी ……

अहिल्या लक्ष्मी तुम ही तो हो
हर पद की सच्ची अधिकारी
माँ कालिका का रूप सुहाता
ज़िद पर आये तो यम पर भारी
धेर्य का प्रकट प्रमाण है नारी ……

पति विरह जो काटे उर्मी
14 वर्ष वन में काटे सुकुमारी
ग़ौतम को वो बुद्ध बनाती
जड़बुद्धि कालीदास को प्रबुद्ध बनाती
बनके चुनौती खड़ी है नारी……

युद्धक विमान नभ में उड़ाती
वीर को कांधा देती बेटी
सारे घर का बोझ उठाती
फिर भी कोख में क्यों मारी जाती
बलिदान का दूसरा नाम है नारी………

आँखों में अंचन सा खिलती
नवल इतिहास नए नए रचती
अब न कभी बेटियाँ जलेंगी
अब ना कभी बेटियाँ झुकेंगी
पन्ना धाय सी महान है नारी ……

कोमल हृदय से कठोर पन्थ की
काँटों में राह वो है दिखाती
कभी थी विचलित अब व्यवस्थित
न कभी थकेगी ना कभी रुकेगी
अंतरिक्ष की सैर करती है नारी ……

उजालों से रूबरू अंधेरों से लड़ती
क्या खरा क्या खोटा है सीख चुकी
युग निर्माण करने की है अब तैयारी
कदम से कदम मिलाने की है तैयारी
सब पर भारी है आज की नारी ……

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं🌺🌷🌷

© गुलमोहर