बहता पानी सा हूं
मैं तो बहता पानी सा हूं
रुकना मुझे पसंद नहीं
पड़ जाऊं किसी के प्रेम में
प्रेमिका बनना मुझे कभी पसंद नहीं।
दिल में छुपा रक्खी है ऐसी कोई बात नहीं जी
हालातों से हारा हूं मैं तो ऐसा इंसान नहीं जी
मैं तो डिस्टिल वाटर जैसी हूं
इसमें मिनरल मिलने जैसी कोई बात नहीं जी।
सभी जोड़ना चाहते हैं कोई रिश्ता
कैसे जुड़ जाऊं मैं सबसे
सबमें तो ऐसी कोई बात नहीं जी
ख़ुद को तोड़कर किसी से भी जुड़ जाऊं
मैं ऐसी तार नहीं जी।
मैं तो बहता पानी...
रुकना मुझे पसंद नहीं
पड़ जाऊं किसी के प्रेम में
प्रेमिका बनना मुझे कभी पसंद नहीं।
दिल में छुपा रक्खी है ऐसी कोई बात नहीं जी
हालातों से हारा हूं मैं तो ऐसा इंसान नहीं जी
मैं तो डिस्टिल वाटर जैसी हूं
इसमें मिनरल मिलने जैसी कोई बात नहीं जी।
सभी जोड़ना चाहते हैं कोई रिश्ता
कैसे जुड़ जाऊं मैं सबसे
सबमें तो ऐसी कोई बात नहीं जी
ख़ुद को तोड़कर किसी से भी जुड़ जाऊं
मैं ऐसी तार नहीं जी।
मैं तो बहता पानी...