...

8 views

श्याम सुन्दर
स्वयं श्याम सुंदर से वार्ता है करनी मुझे
है वृंदावन भी जाना मुझे
श्री कृष्ण के ज्ञान की भी
है जिज्ञासा मुझे
ज़रा पूछु उनसे
कि कान्हा ऐसे केसे मोहित करा
सारे जग को अपने मोह से केसे सम्मोहित करा...
सावला रंग ...
फिर भी श्याम सुंदर पे सारा जग मोहन
कान्हा केसी लीला रचाई है
तुम्हारी एक झलक के लिए
पूरी दुनिया तरसाई है
कोन ना वाकिफ़ तुम्हारी राजनीति से है?
किस अज्ञानी को ज्ञान तुम्हारा नहीं
किस मुर्ख ने तुमसे कुछ सीखा नहीं
किसने तुम्हारे स्त्री सम्मान पे लांछन लगाया है
कान्हा तुमसे प्रिय कोई नहीं
तुम्हारी भक्ति मे रंग जाऊँ
तुम्हारा ही नाम जपती जाऊँ
तुम्हारी ही तो भक्त हू कान्हा
मैं तो बस तुम्हारी एक झलक की तमन्ना करती जाऊँ।
© SAARA