हारे मन को जीते कौन
चेहरे पर उदासी रख बैठा है
पलकों से आँसू ढ़क बैठा है
सबसे प्यारा सबसे न्यारा
ख़ुद पर करके शक बैठा है
रो ले जितना रो सकता है
चैन से फिर तू सो सकता है
डरने मरने से क्या ही होगा
वो कर जिससे हो सकता है
तुझको रण में खींचे कौन?
चल देगा तेरे पीछे कौन?
जिसको मिट्टी ही न सुहाये
वृक्ष को ऐसे सींचे कौन?
यूँ जीवन से बीते कौन?
जीवन संघर्ष रीते कौन?
दुनिया को जीते मन लेकिन
हारे मन को जीते कौन?
© Seerat Masipanya
#poetry #thoughts #kavita #yourquote #yourquotewriter #yourquotewaale #WritcoQuote
पलकों से आँसू ढ़क बैठा है
सबसे प्यारा सबसे न्यारा
ख़ुद पर करके शक बैठा है
रो ले जितना रो सकता है
चैन से फिर तू सो सकता है
डरने मरने से क्या ही होगा
वो कर जिससे हो सकता है
तुझको रण में खींचे कौन?
चल देगा तेरे पीछे कौन?
जिसको मिट्टी ही न सुहाये
वृक्ष को ऐसे सींचे कौन?
यूँ जीवन से बीते कौन?
जीवन संघर्ष रीते कौन?
दुनिया को जीते मन लेकिन
हारे मन को जीते कौन?
© Seerat Masipanya
#poetry #thoughts #kavita #yourquote #yourquotewriter #yourquotewaale #WritcoQuote