रात मेरी खामोश है
रात मेरी ख़ामोश थीं,
फिर क्यों दिल मे एक हलचल हुई,
तुम्हे भूल गया था मैं,
तो आखिर क्यों तुम्हारी याद आई
जब तुम्हारी चाहत नहीं रही मुझे
फिर क्यों किस्मत तेरी ओर ले आई
जब मेरा साथ मंजूर ही नही था
तो क्यों दो पल का साथ दिखाई,
मैं तो तन्हाई मैं भी खुश था...
फिर क्यों दिल मे एक हलचल हुई,
तुम्हे भूल गया था मैं,
तो आखिर क्यों तुम्हारी याद आई
जब तुम्हारी चाहत नहीं रही मुझे
फिर क्यों किस्मत तेरी ओर ले आई
जब मेरा साथ मंजूर ही नही था
तो क्यों दो पल का साथ दिखाई,
मैं तो तन्हाई मैं भी खुश था...