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izhaar (1)
#izhaar #gazal
एक मुलाकात हो जो तुमसे मिले जिंदगी भर,
एक खयाल हि सही जो मिले तुमसे चले उम्र भर,
दुनिया ने पूछे तुझे बड़े शिद्दत से,
मेरे इज़हार को समय ने बोला थोड़ा सब्र कर,
एक मुलाकात हो जो तुमसे मिले जिंदगी भर,
एक खयाल हि सही जो मिले तुमसे चले उम्र भर।
आंखों से आंखें मिले जब हो तस्वीर ऐसी,
रात में चाँद का रोसनी मै खिला कलियाँ जैसी,
तुमसे मिलने सारे काएनात साजिस की थी बड़े,
नाराज न होने दूँगा तुझे कभी ये बिश्वास कर ,
एक मुलाकात हो जो तुमसे मिले जिंदगी भर,
एक खयाल हि सही जो मिले तुमसे चले उम्र भर।
© Deba Rath
एक मुलाकात हो जो तुमसे मिले जिंदगी भर,
एक खयाल हि सही जो मिले तुमसे चले उम्र भर,
दुनिया ने पूछे तुझे बड़े शिद्दत से,
मेरे इज़हार को समय ने बोला थोड़ा सब्र कर,
एक मुलाकात हो जो तुमसे मिले जिंदगी भर,
एक खयाल हि सही जो मिले तुमसे चले उम्र भर।
आंखों से आंखें मिले जब हो तस्वीर ऐसी,
रात में चाँद का रोसनी मै खिला कलियाँ जैसी,
तुमसे मिलने सारे काएनात साजिस की थी बड़े,
नाराज न होने दूँगा तुझे कभी ये बिश्वास कर ,
एक मुलाकात हो जो तुमसे मिले जिंदगी भर,
एक खयाल हि सही जो मिले तुमसे चले उम्र भर।
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