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"आसमानी सफर: सांझ का निमंत्रण"
#सांझ
सांझ को फ़िर निमंत्रण मिला है
दोपहर कल के लिए निकला है
अब उठो तुम है इंतजार किसका

सांझ को फ़िर निमंत्रण मिला है,
समय की ओट में सौंधी खुशबूएं छाई हैं।
आसमान में सितारे बोला करते हैं ख्वाबों का सफर है,
रात के आँचल में छुपी कहानियों की चर्चा है।

दोपहर कल के लिए निकला है,
धूप की किरणें खिली फूलों को छू रही हैं।
सूरज ने छुपकर रात को किसी को बुलाया है,
चाँदनी रातें आँगन में सितारों का संगीत लाया है।

अब उठो तुम, है इंतजार किसका,
पलकों के पीछे छुपी राज़दानी को बुलाया है।
मोहब्बत का रंग है, दिलों में बहार किसकी,
बातें अनकही, ख्वाबों की बहार को सुनाया है।

राहों में है राज़, चलो साथ बनाएं,
प्यार की बहारों में, नए ख्वाब सजाएं।
हर कदम पर है एक नया मंज़िल का इंतजार,
इस सफर में हैं हम, और है एक नया प्यार।
© Itesh