वृक्ष का मध्यस्थल: कोटर
एक खोखला स्थल,
जल से दूर तथा जड़ में है थल,
जैसे वृक्ष के पेट पर हुआ हो एक प्रहार,
हां मुष्ठी प्रहार,
सम्भवतः किसी दानव का वार,
अथवा एक हीन सा कीट,
छाल को कर गया छींट,
अथवा, अहंकारी दीमक सेनापति,
आक्रमकता से करता रहा अति,
उग्र ऋतु ने बांह तथा मरोड़ दिया गर्दन,
चक्षुरस पर चलते गज करते ज्यों...
जल से दूर तथा जड़ में है थल,
जैसे वृक्ष के पेट पर हुआ हो एक प्रहार,
हां मुष्ठी प्रहार,
सम्भवतः किसी दानव का वार,
अथवा एक हीन सा कीट,
छाल को कर गया छींट,
अथवा, अहंकारी दीमक सेनापति,
आक्रमकता से करता रहा अति,
उग्र ऋतु ने बांह तथा मरोड़ दिया गर्दन,
चक्षुरस पर चलते गज करते ज्यों...