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मैं चाहता हूँ (भाग-१)
सोचता हूँ–
मासूमियत कैसी दिखती होगी !
मुझे लगता है–
बिल्कुल तुम्हारे जैसी।
सोचता हूँ–
अगर अच्छाई का चेहरा होगा कहीं,
तो
बिल्कुल तुम्हारे जैसा होगा।
मैं चाहता हूँ–
तुम सदैव मुस्कुराती रहो,
ताकि–
मुस्कुराती रहे अच्छाई।
© Lekhak Suyash
#lekhaksuyash
मासूमियत कैसी दिखती होगी !
मुझे लगता है–
बिल्कुल तुम्हारे जैसी।
सोचता हूँ–
अगर अच्छाई का चेहरा होगा कहीं,
तो
बिल्कुल तुम्हारे जैसा होगा।
मैं चाहता हूँ–
तुम सदैव मुस्कुराती रहो,
ताकि–
मुस्कुराती रहे अच्छाई।
© Lekhak Suyash
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