...

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जज्बातों की जमीन
घर की बात है,इसे घर में रहने दो।
मोहब्बत को मोहब्बत के शहर में रहने दो।।
माना गुजरे जमाने की बात बन गये हैं ।
मोहब्बत से मोहब्बत की नजर में रहने दो।।
मेरी हर खुशी में तेरा ही अक्स नजर आता है।
जब तलक साँस है, अपने असर में रहने दो।।