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जज्बातों की जमीन
घर की बात है,इसे घर में रहने दो।
मोहब्बत को मोहब्बत के शहर में रहने दो।।
माना गुजरे जमाने की बात बन गये हैं ।
मोहब्बत से मोहब्बत की नजर में रहने दो।।
मेरी हर खुशी में तेरा ही अक्स नजर आता है।
जब तलक साँस है, अपने असर में रहने दो।।
मोहब्बत को मोहब्बत के शहर में रहने दो।।
माना गुजरे जमाने की बात बन गये हैं ।
मोहब्बत से मोहब्बत की नजर में रहने दो।।
मेरी हर खुशी में तेरा ही अक्स नजर आता है।
जब तलक साँस है, अपने असर में रहने दो।।
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