3 views
समुंदर की तलाश
कश्ती पर स्वार हो कर मैं समुंदर की तलाश को निकाल पड़ा
बेखौफ बेवजह मैं जिंदगी को मज़ाक समझ कर निकल पड़ा
लोग सामने से मीठे थे पीठ पीछे उलट हो गए यही तो सबक मैं साथ ले कर निकल पड़ा
तूफ़ान ज़ोर से था में सहम कर दुबक गया, किस्मत ने कहाँ आकर पटका मैं उसी के सहारे हो पड़ा
कहीं रोशनी की तलाश थी तो कहीं थोड़ी सी उम्मीद बस इन्हीं बातों को सोच कर मैं आगे की और निकल पड़ा
कश्ती पर स्वार हो कर मैं समुंदर की तलाश को निकाल पड़ा
बेखौफ बेवजह मैं जिंदगी को मज़ाक समझ कर निकल पड़ा
© BABA ADAM
बेखौफ बेवजह मैं जिंदगी को मज़ाक समझ कर निकल पड़ा
लोग सामने से मीठे थे पीठ पीछे उलट हो गए यही तो सबक मैं साथ ले कर निकल पड़ा
तूफ़ान ज़ोर से था में सहम कर दुबक गया, किस्मत ने कहाँ आकर पटका मैं उसी के सहारे हो पड़ा
कहीं रोशनी की तलाश थी तो कहीं थोड़ी सी उम्मीद बस इन्हीं बातों को सोच कर मैं आगे की और निकल पड़ा
कश्ती पर स्वार हो कर मैं समुंदर की तलाश को निकाल पड़ा
बेखौफ बेवजह मैं जिंदगी को मज़ाक समझ कर निकल पड़ा
© BABA ADAM
Related Stories
7 Likes
0
Comments
7 Likes
0
Comments