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तेरे बाद
खुद को खोना क्या होता है तेरे बाद जाना है...
रिश्ते तो बस नाम के होते हैं, मतलब तो बस काम से होते हैं....
ना कोई अपना होता है,और ना कोई सगा।
खास भी सब आम से होते हैं।
कभी रोती हूं कोने में बैठ, आस लगाए किसी से..
सुनते तो बहुत हैं, मगर पास आए कोई ना...
हाल मेरा सब जानते, मगर पूछता ना कोई एक है,...
अपना कोई नहीं, यहां रिश्ते अनेक हैं।
रिश्ते तो बस नाम के होते हैं, मतलब तो बस काम से होते हैं....
ना कोई अपना होता है,और ना कोई सगा।
खास भी सब आम से होते हैं।
कभी रोती हूं कोने में बैठ, आस लगाए किसी से..
सुनते तो बहुत हैं, मगर पास आए कोई ना...
हाल मेरा सब जानते, मगर पूछता ना कोई एक है,...
अपना कोई नहीं, यहां रिश्ते अनेक हैं।
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