आवो हवा
इस ज़माने की आवो हवा भी अब लगती नहीं
आज कल इंसानों की दुआ भी अब लगती नहीं
झूठ का चेहरा लिए है सब दुनियां समझती नहीं
मैं रहता हूं वहां...
आज कल इंसानों की दुआ भी अब लगती नहीं
झूठ का चेहरा लिए है सब दुनियां समझती नहीं
मैं रहता हूं वहां...