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तुम नहीं होते तो
तुम नहीं होते तो भला
हम ही क्या होते !
खुद मे ही खोए
कहीं गुम से होते !
तुम्हारे साथ ने जो दी
मेरे शब्दों को हिमाकत !
उस प्रेम ने ही भर दी
मेरी कविता मे शरारत !
जीवन में तुम न आते
तो मेरे शब्द ही मर जाते !
तुम नहीं होते तो भला
हम ही क्या होते !
खुद मे ही खोए
कहीं गुम से होते !
---------------Hem
© All Rights Reserved
हम ही क्या होते !
खुद मे ही खोए
कहीं गुम से होते !
तुम्हारे साथ ने जो दी
मेरे शब्दों को हिमाकत !
उस प्रेम ने ही भर दी
मेरी कविता मे शरारत !
जीवन में तुम न आते
तो मेरे शब्द ही मर जाते !
तुम नहीं होते तो भला
हम ही क्या होते !
खुद मे ही खोए
कहीं गुम से होते !
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