तेरी तक़दीर के पन्नों पर तु ही लिखने वाला हैं
तेरी तक़दीर के पन्नों पर तु ही लिखने वाला हैं
अपनी हार का सबब ख़ुद तु बनने वाला हैं
सब कुछ किस्मत पर छोड़ देना कायरों की निशानी
पाना कुछ चाहें वो मेहनत से हासिल करने वाला हैं
डर से डर कर कब तक छुपा तु रहेगा ओ मुसाफ़िर
ज़िंदगी का उसूल ये कि हर कोई इक दिन मरने वाला हैं
पर जो इस हकीकत से रूबरू रहता
वो ये देखें की वो जीतें जी क्या करनें वाला हैं
हार आतीं हैं पर कुछ सीखा कर...
अपनी हार का सबब ख़ुद तु बनने वाला हैं
सब कुछ किस्मत पर छोड़ देना कायरों की निशानी
पाना कुछ चाहें वो मेहनत से हासिल करने वाला हैं
डर से डर कर कब तक छुपा तु रहेगा ओ मुसाफ़िर
ज़िंदगी का उसूल ये कि हर कोई इक दिन मरने वाला हैं
पर जो इस हकीकत से रूबरू रहता
वो ये देखें की वो जीतें जी क्या करनें वाला हैं
हार आतीं हैं पर कुछ सीखा कर...