...

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इंतज़ार
क्या मिला तुझे मुझसे रूठ के
और मुझसे फासले बना के
हाँ जरूर था में तुझसे खफा
लेकिन था यहीं पे खड़ा

अभी भी पड़े हैं मेरे पास
तेरे आंसू की नमी का एहसास
जिसे आज तक संभाला है मैंने
क्योंकि रखा है उम्मीद ये दिल ने

बदला यहाँ पे कुछ भी नहीं
रास्ता भी वही और जगह भी
हाँ खफा तो आज भी मैं हूँ
लेकिन तेरे लिए यहीं पे खड़ा हूँ
© Krishnan

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