...

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तोड़ के नूरानी तारे जो तुम आज लाए हो!💔
💔💔
तोड़ के नूरानी तारे जो तुम आज लाए हो,
देर हो गई बेहद सनम ज़माने बाद आए हो,

हमें ठुकरा कर चल दिए थे तुम, याद है न,
हार कर ख़ुद फिर हमें आज़माने आए हो,

वफ़ादारी को तुम क्या जानो, ओ हरजाई,
रिसते ज़ख्मों पे क्यों नमक लगाने आए हो,

हम तो ज़िंदा लाश हैं ये जानती है दुनिया,
ज़िंदा लाश को फिर से ज़हर पिलाने आए हो,

तुम्हारी ग़ुस्ताखियों को नज़रंदाज़ कर भी दें,
न समझना हमें फिर से उल्लू बनाने आए हो,

इश्क के सदके हम फिर भी तुम्हें दुआ ही देंगे,
ज़ख्मी परिंदें से अपने ज़ख्म दिखाने आए हो!
💔🌺🌸🌺🌺💔

—Vijay Kumar
© Truly Chambyal