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“आँखों आँखों में”
आँखों आँखों में इक़रार हुआ
चाहत का एक अजीब ज्वार उठा
मिलने को रहते थे हम बेक़रार
दिलों को रहता था कहाँ करार
बात खुली और तुमने हाथ छुड़ा लिया
कैसे समझाऊँ ख़ुद को कि
मैंने क्यूँ इक कायर से प्यार किया।
#ramphalkataria
© Ramphal Kataria
चाहत का एक अजीब ज्वार उठा
मिलने को रहते थे हम बेक़रार
दिलों को रहता था कहाँ करार
बात खुली और तुमने हाथ छुड़ा लिया
कैसे समझाऊँ ख़ुद को कि
मैंने क्यूँ इक कायर से प्यार किया।
#ramphalkataria
© Ramphal Kataria
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