जन्म दिवस
इक गीत मैं सबको सुनाऊं क्या
अपनी बहना पर कविता इक गाऊं क्या
जो सबको हँसाकर खुश करती है
उस अज़ीज की बात बताऊँ क्या
शुरू से ही है वो हंसी की पुड़िया
प्यारी है सबको जैसे हो वो अप्सरा की गुड़िया
हर पल हंसी-ठिठोली करनेवाली
सबके जीवन में हर्षोल्लास भरनेवाली
नाजुकता को अपने ह्रदय में धारण करके चलनेवाली
है मेरी बहन है वो,है ही उसकी बात निराली
शुरू में तो बहुत दूर हम सब से रही वो
अब ना बिना हमसबके रह पाती है लड़की जो
बालकाल्य से ही उसने अपनी किताबों...
अपनी बहना पर कविता इक गाऊं क्या
जो सबको हँसाकर खुश करती है
उस अज़ीज की बात बताऊँ क्या
शुरू से ही है वो हंसी की पुड़िया
प्यारी है सबको जैसे हो वो अप्सरा की गुड़िया
हर पल हंसी-ठिठोली करनेवाली
सबके जीवन में हर्षोल्लास भरनेवाली
नाजुकता को अपने ह्रदय में धारण करके चलनेवाली
है मेरी बहन है वो,है ही उसकी बात निराली
शुरू में तो बहुत दूर हम सब से रही वो
अब ना बिना हमसबके रह पाती है लड़की जो
बालकाल्य से ही उसने अपनी किताबों...