...

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"मुस्कुराना" सीख लो,,,,
तुम मुस्कुराना सीख लो,,,,
यार और कब तक रहोगे इस तन्हाई में,
महफिलों में तुम आना जाना सीख लो,

मुंतजिर हूं ख़ुश्क लब्जों पे हंसी पाने को,
यार तुम बेवजह बस मुस्कुराना सीख लो,

जब है मुहब्बत पाख और है दिल्लगी बेबाक,
यार तुम भी दिल्लगी में दिल लगाना सीख लो,

और कहां कहने से बयां होगा करार ए मुहब्बत,
बेशक इन रकीबों पर तुम हक जताना सीख लो,

गर तुम बनो आवाज, मैं अल्फाज बन जाऊं,
तुम कमाल ए खूब हो बस गुनगुनाना सीख लो,

लब पे आए जब गजल ए तरन्नुम माहौल बन जाए,
तुम गाओ मैं सुनता रहूं एक ऐसा तराना सीख लो,

और कहां तस्लीम है मुहब्बत जालिम ज़माने में,
यार मशवरा ये है तुम जज्बात दबाना सीख लो,

जल जाएंगी सियाह ए नजर शख्सियत को देखकर,
यार दिलों की आग को तुम चिंगारी बनाना सीख लो,

पुराने खत, कागज कलम, उसमे भी दुख दर्द अलम,
ज़िंदगी भी है सितम सितमगरों को सताना सीख लो,
तुम मुस्कुराना सीख लो,,,,


© #mr_unique😔😔😔👎