...

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नव वर्ष
मुहब्बतों की दुनिया में, दिल-दिमाग की आँखो ने
इस साल दुःख की बदली हटाई हैं
हजारों उलझनों के घोसलों ने चौखट पर
धुंध भरी अंगड़ाई सी तोड़ी है
सुबह और शाम को साधे हुए इक दोपहर ने भी
नव वर्ष का नगमा लिख-गुनगुनाया है

कुछ फूल नए खिल जाए इस साल
मायूसियाँ बूझे हर एक आहट पर
पलों को दिन में, दिन को उन्वान बना जाए यह साल
दिल की बंजर धरती में हिम्मत जगा जाए ये साल

लफ़्ज़ों का जादू, कहानी बेअसर कर
सुई-धागे में ढले शब्द, बाँहो से भरे त्यौहार को
दे रहे नया साल मुबारक, नया साल मुबारक