...

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भाग कर जाओगे कहाँ
यही है कर्मभूमि सबकी भागकर जाओगे कहां,
नहीं मिलता बिना कुछ कर्म के
प्राणी को अन्न जहां।

बिना निज कर्म के प्राणी, यहां कुछ भी नहीं पाता।
जो करता है यहां सत्कर्म, सुलभता
भी वही पाता।

अगर परिवार के खातिर कोई करता कुछ भी यहां,
वही प्राणी है जीवन का असली
हकदार यहां।


© Jaya Tripathi