मिलन के रंग
धूप चाँद से मिली तो चाँदनी हो गयी
धरती से मिली तो ज़िन्दगी हो गयी
रेत से मिली तो मरीचिका
और जल से मिली तो बादल
हर एक मिलन ने रंग, रूप और प्रकृति को
बदल कर रख दिया
और किसी और नाम से उसे पुकारा गया
किसी ने नहीं कहा मुझे चाँद से
चाँदनी नहीं धूप ही चाहिए
किन्तु व्यक्ति के बदलने पर हमेशा ही
शिकवे और शिकायत पसर गये मन में
और साथ ही पसरी निराशा और अविश्वास
किन्तु क्या ये व्यक्ति के बदलने का परिणाम था,
या अपेक्षाओं का अपेक्षा से अधिक हो जाने का?
© Seerat Masipanya
#धूप
#expectations
#wrircopoem
#Life&Life
#seeratmasipanya
#yourquote
#yourquotewriter
#yourquotewaale
धरती से मिली तो ज़िन्दगी हो गयी
रेत से मिली तो मरीचिका
और जल से मिली तो बादल
हर एक मिलन ने रंग, रूप और प्रकृति को
बदल कर रख दिया
और किसी और नाम से उसे पुकारा गया
किसी ने नहीं कहा मुझे चाँद से
चाँदनी नहीं धूप ही चाहिए
किन्तु व्यक्ति के बदलने पर हमेशा ही
शिकवे और शिकायत पसर गये मन में
और साथ ही पसरी निराशा और अविश्वास
किन्तु क्या ये व्यक्ति के बदलने का परिणाम था,
या अपेक्षाओं का अपेक्षा से अधिक हो जाने का?
© Seerat Masipanya
#धूप
#expectations
#wrircopoem
#Life&Life
#seeratmasipanya
#yourquote
#yourquotewriter
#yourquotewaale