...

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हाँ मुझे तुम्हारा गुस्सा करना भी अच्छा लगता है
तुम इतनी नफरत क्यूँ करती हो
क्या मुझसे प्यार करने से डरती हो,
जब भी तुम्हें देखता हूँ मैं
मुझे तो सिर्फ तुम पर प्यार आता है
तुम्हें कैसे भी एक बार देख लूँ मैं
मेरा दिल तो बस यही चाहता है,
भले ही तुम थोड़ी जिद्दी और गुस्सैल हो
फिर भी मुझे अच्छी लगती हो
तुम्हारी हर अदा पर मेरा दिल हार जाता है,
जब भी मन करता है तुम्हें हँसते हुए देख लेने का
तुम्हारी हँसती हुई तस्वीर देख लेता हूँ मैं
तुम्हारी उस खिलखिलाती हँसी को
अपने दिल की स्मृति में गेर लेता हूँ मैं,
तुम्हारा भी अगर दिल हो कभी तो मेरे पास आकर बैठ जाना
मुझे बहुत अच्छा लगेगा कोई शाम तुम्हारे संग बिताना,
ठीक है फिर अब चुप हो जाता हूँ मैं
तुम्हारे विरह को लेकर तुमसे दूर चला जाता हूँ मैं,
लेकिन जब भी तुम्हें अगर याद आ जाए मेरी
सिर्फ दिल से एक बार मेरा ख्याल कर लेना
क्या तुम भी मुझे प्यार करती हो खुद से ये सवाल कर लेना,
मैं हवाओं के संग बहकर तुम्हारे पास चला आऊंगा
उस दिन पास आकर मैं तुम्हारी धड़कन में उतर जाऊँगा,
फिर कभी हमारा साथ दूरियों में तब्दील नहीं हो पाएगा
तुम्हारा यह आशिक इस साथ को जिंदगी भर निभाएगा,





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