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स्कूल...
एक समय था ज़ब स्कूल में जाते हुए ख़ुशी मिलती थी, और आज का समय.. स्कूल का भय,...8am से 4pm तक बिना किसी खेल पीरियड के बस बैठे रहना..15 मिनट का लंच उसमें भी बस rice और fruits ही allow.. न चपाती न स्नैक्स..पानी की दो bottle क्यूंकि बार बार ब्रेक नहीं मिल सकता..

Dustbin में कोई कचरा नहीं डालना क्यूंकि चेकिंग वाले कभी भी आ सकते हैं.. Prayer time भी 1 hour से ज्यादा क्लास की आधी लड़कियां तो यूं ही चक्कर खाकर गिर जाए..😇

खैर स्कूल में तो बदलाव की जरुरत है..तमाम उलझनों में कट रही है जिंदगी.. ऐसे में ज़ब सुकून की नींद सोना चाहे.. और नींद न आए तो एक अनचाहे मेहमान की तरह यह ख्याल दस्तक दे जाए कि... ऊपर चल रहा पंखा टूटकर गिरने ही वाला है..😭

बस जिंदगी ऐसी ही है कि जितनी सुख सुविधा मिल रही है... उतनी ही जटिल है और आगे और भी जटिल होती जाएगी...😶

© अनकहे अल्फाज़...
#thoughts