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तंत्र का जाल
लोग यकीन नहीं करते की हम क्यों यकीन करे
पर जब असाधारण घटनाये घटने लगती है तो लगता है वाकई कुछ तो बात है


सब कुछ ठीक चल रहा था विमला देवी खुश रहती थी परिवार मे खुशी का माहौल था
उन्होंने अपने बेटे की शादी करने की सोची

फिर शुरू हुई रिश्ते की बात
एक जगह रिश्ता पक्का लड़की ज्यादा पढ़ी थी
पर आश्चर्य विमला देवी को सबने मना करा
पर यहां आगे से रिश्ते के लिए हाँ कहा

15 दिन मे शादी हो गयी
शादी होकर अविका को घर लेकर आए

मयूर अविका को लेकर कमरे मे गया
उसे पानी पिलाया
अब उसे ठीक लग रहा था

मयूर सोने लगा
अविका ने कहा आज की रात बात कीजिए ना

मयूर बात करने लगा
धीरे धीरे अविका ने अपने जेवर उतार दिए

मयूर का ध्यान इस सब पर नहीं था

अविका कहने लगी अब आप आराम कीजिए
तुम भी तो आराम करो

अभी नहीं देर से
क्या कारण है ?

नयी नवेली दुल्हन हो पर हमारे बीच बात भी ज्यादा नहीं हुई पर तुम मुझे आराम करने को कह रही और तुम नहीं

आखिरकार अविका ने बात मान ली
अविका ने कपड़े बदले और मयूर के पास लेट गयी

मयूर अविका को निहारने लगा
ऐसे क्या देख रहे ?

तुम हो ही इतनी सुन्दर
अच्छा जी

अविका मयूर के पास खिसक गयी

अविका ने मयूर को आलिंगन कर लिया

ये पल बहुत खास है

मुझे बस आपका साथ चाहिए
अविका एक बात कहु
हाँ कहिये
मुझे थोड़ा समय चाहिए तुम शायद समझ गयी होगी मेरे कहने का मतलब

मुझे भी थोड़ा समय चाहिए
दोनों मुस्कुरा दिए

दोनों सो गए

अगले दिन सुबह अविका जल्दी उठ गयी
विमला देवी ने पूछा अरे बहु इतनी जल्दी क्यों उठ गयी
माँ जी मैं जल्दी ही उठती हूं

पता नहीं क्यों विमला देवी को कुछ ठीक नहीं लग रहा था पर क्या वो समझ नहीं आ रहा था

एक दो दिन बाद विमला देवी को गाँव जाना पड़ा भाई के बेटे की शादी थी

उनके गाँव जाने के बाद
अविका बदलने लगी
अब वो मयूर को रिझाने लगी

रसोई मे काम करते हुए भी
दो दिन मे जाने क्या करा अविका ने
मयूर उसके सिवाय कुछ और सुनता ही नहीं था

माँ का एक दिन फोन आया
मुझे आने मे थोड़े दिन और लगेंगे

अब अविका को लगा मयूर उसी की मानेगा

अचानक मयूर बीमार पड़ने लगा
मयूर उस समय सेंस मे था डॉक्टर को फोन करा
डॉक्टर आए चेक अप शुरू करा
डॉक्टर बोले आप पर किसी दवा का उल्टा असर हुआ है

पर मयूर की तो कोई दवा नहीं चल रही थी तो किसी दवा का उल्टा असर कैसे हुआ

धीरे धीरे मयूर को एहसास हुआ इस सबके पीछे अविका का हाथ है वो अपनी माँ की बातों मे आकर सब कर रही है

माँ गाँव से आयी
मौका देखकर मयूर ने माँ को सब बात बताई

माँ तुरंत अपने गुरु से मिलने गई उन्होंने पूरा वृतांत कहा कहा आप कुछ ऐसा कर दीजिए मेरी बहु घर मे ध्यान दे अपनी माँ की बातों मे ना आए

आप भक्ति से जुड़े रहिए डिगे नहीं आप तो कान्हा की भक्त है फिर भी आप ये समझ नहीं पायी की उनके भक्तों पर संकट आता है तो कान्हा जरूर बचाते है

विमला देवी वापस आ गयी
और कान्हा के भजन सुनाने लगी
एक दिन दो दिन
ऐसे 5 दिन हो गए


एक दिन दरवाज़े पर एक बच्चा आया
कोई हाँ क्या इस घर मे

विमला देवी बाहर गयी देखा एक छोटा बच्चा है
क्या चाहिए बेटे
मुझे भूख लगी है

विमला देवी अंदर गयी रोटी बनी थी पर और कुछ नहीं था तो थोड़ा अचार दे दिया

बच्चे ने रोटी खाई
और उसके बाद अपना असली रूप बताया


विमला देवी धन्य हो अपने प्रभु को सामने देखकर सब भूल गयी


कान्हा ने कहा आपकी समस्या का समाधान हो गया है
कहकर अंतर्ध्यान हो गए

अविका अब सुधरने लगी बोली मुझे माफ़ कर दीजिए मैंने अपनी माँ की बातों मे आकर गलत करा

मयूर और विमला देवी ने अविका को माफ़ कर दिया
अब सब मिलकर भजन करते

अब घर मे फिर से शांति होने लगी ।

समाप्त
26/6/2024
12:57 दोपहर

© ©मैं और मेरे अहसास