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पत्र बलात्कारी द्वारा पढा जा रहा है।।
सैनिक -जनाब जो एक वासनपुजारी को एक गांव के दौरे के दौरान आपने अनैतिक कार्य में अपनी नीलागगी कुमारी के काराकर न 1907 कैदी नंबर चार की पोशाक में कैद कर रखा उसकी जो एक स्त्री है वो जिसको आपने हमारी निगरानी में सौंपा था और उसे हमारी निगरानी में अपनी हिरासत में लिया था उसकी हालत गंभीर है इसलिए आप यहां फौरन उपस्थित हो और यहां कुछ लोग है उससे मिलने कि आज्ञा चहाते और आप कहे तो हम उसके आदमी को उसे मिलने दे।।
मगर राजा साहब ने उन्हें उसके आदमी बलात्कारी को सूचना देकर महल में आने का हवाला देते हुए उसे उस कैद हटाकर महल की सभा में बंधक बनाकर आने को कहा और हुक्म दिया और उसके आदमी बलात्कारी को सूचना देकर फौरन उपस्थित होने को कहा।।-पत्र समाप्त।।
और यह सब पढ़ते ही बलात्कारी वासनपुजारी तुरंत वहां जाने की तैयारियां शुरू कर देता है।।
राजा लेखक का आमंत्रण पत्र।। महल से बुलावा।।
मगर सुन लो वसना पुजारी अगर हमारे महल तक पहुंचे में सफल हुए तो हम आगे की प्रक्रिया बताएंगे।।
बलात्कारी -इस बात को स्वीकार कर तो लिया मगर कुछ नहीं सोचा।।
जो कि उसकी बहुत बड़ी भूल थी जिससे वो लैसवी वैशया को पहचानना तो दूर उसे एक तफा मिलने का मौका तक गवा बैठ सकता था।।

#बलातकरी की परीक्षा प्रारंभ
#महलयात्रा