आत्मग्लानि प्यार की अधुरी कहानी
उसका मरना सही था ,तो तू जिंदा क्यों है
उसकी मौत पे, तू शर्मिंदा क्यों है
तू डाल थी तो ,मरा वो परिंदा क्यों है
बेशक़ दुनिया उसे आशिक पागल कहे
भले ही वो मरकर...
उसकी मौत पे, तू शर्मिंदा क्यों है
तू डाल थी तो ,मरा वो परिंदा क्यों है
बेशक़ दुनिया उसे आशिक पागल कहे
भले ही वो मरकर...