परिधान संस्कृति
ब्लैक इंक
परिधान संस्कृति के संस्कार में जमता आंखों का पानी
न तों मर्दों की आंखों से पानी उतर रहा हैं और न ही औरत के जिस्म का सुरूर उतर रहा हैं दोनों ही बागवा ए प्रदर्शनी में जिस्म और नज़रों का खेल खेलने से नहीं चूक रहें हैं. ये आलम हैं आज के दौर का के परहेज खाने से करके भी परिधानों तक की होड़ में जिस्मो की नुमाइशो की परम्परा के...
परिधान संस्कृति के संस्कार में जमता आंखों का पानी
न तों मर्दों की आंखों से पानी उतर रहा हैं और न ही औरत के जिस्म का सुरूर उतर रहा हैं दोनों ही बागवा ए प्रदर्शनी में जिस्म और नज़रों का खेल खेलने से नहीं चूक रहें हैं. ये आलम हैं आज के दौर का के परहेज खाने से करके भी परिधानों तक की होड़ में जिस्मो की नुमाइशो की परम्परा के...