...

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आखिरी मुलाकात
"कुहू ! उठना नहीं है क्या आज"
एक आवाज मेरे कान👂 में आई,कुछ जानी पहचनी।
मम्मी की आवाज़! ओह नो 😨! आज तो बड़ा खास दिन है।
आज प्रशांत का बर्थडे 🎂है।और में अब तक सो रही हूं
(घड़ी🕓 की ओर देखा तो 4 बजे वाले थे बिस्तर से जल्दी से बाहर आई और तेज़ी से नीचे भागी। बड़ बढ़ाते हुए)5 बजे तक ग्राउंड पर सब आ जाएंगे और मै उसे सबसे पहले विश नहीं कर पाउंगी।
मम्मी - अरे आराम से अभी तक तो कोई जल्दी नहीं थी।
भाई- बहुत बड़ा क्रिकेट मैच नहीं जीत जाओगी।
मै - मुझे नफरत😡 है इस गेम से। इसी की वजह से कोई हमारे गेम की इज्ज़त नहीं करता।
भाई - हा हा ! 😜आईबड़ी राष्ट्र भक्त।
1/2घाटे बाद
आज तो उसे सब से पहले विश करूंगी! येस!!😆
( ग्राउंड पहुंचने पर)
अब तक आया क्यों नहीं,अरे यार कहीं बाकी लोग ना आजाए।
( दूर पेड़ के पीछे एक कार रुकी और लम्बा सा लड़का उतरा।ये देख कर कुहू के चहरे की चमक बड़ गई। कार के मुड़ते ही उसने एक तेज़ आवाज़ लगाई।" प्रशांत" प्रशांत के मुरझाए से चहरे पर मुस्कान छागई भगति हुए कुहू उस तक जा पहुंची और हाफ्टे हुए बोली)
कुहू _हैप्पी बर्थडे प्रशांत😄 !
प्रशांत_थैंक्स😊 बुट मुझे लगा तुम्हे नहीं याद होगा
कुहू _ और ये क्या रोतडुओ जैसी शक्ल बना रखी है।आज बिर्थडे है तुम्हारा।
कुहू_ प्रशांत ! कुछ बोलोगे मुझे क्यों घुर रहे हो।
प्रशांत_ धत इससे घूरना थोड़ी कहते है।
कुहू_ फिर क्या कहते है?
प्रशांत_ जाने दो।तुम नहीं समझो गि।
कुहू_ क्यों ? अब तो 7 स्टैंडर्ड मे अगी हूं।
प्रशांत_ है पर मेरे जितनी तो नहीं हो।
कुहू_हा तुम ती बहुत लंबे हो।
प्रशांत_ वो बात नहीं है। खैर जाने दो।
पर हैरानी को बात तो ये है कि तुम्हे मेरा बर्थडे याद था।
कुहू _ ऐसे कैसे भुल जाती 😟एक लौटे तो दोस्त हो।
प्रशांत_ हम्ममम!☺️ सुनो आज ना क्लास मे मत जाना।
कुहू_ क्यों?
प्रशांत_😉 वो मै तुम्हारे लिए ब्लैक फॉरेस्ट 🍮लाया हूं।
कुहू _ केक वाउ😆!
प्रशांत_ ओके बाए
कुहू_ अच्छा अगर मुझे ना याद होता तो तुम केक का क्या करते?
प्रशांत_ फेक देता।
कुहू_ सच! पर क्यों?
प्रशांत_जहा तुम नहीं वह मै नहीं।
कुहू_ तुम्हारी बातें अजीब होती है,तुम कहा से आते हो।
प्रशांत_ क्या बताऊं, तुम समझ नहीं पाओगी।
कुहू_ प्रशांत! हम कितने समय से साथ है ना। फिर मुझे तुम्हारे बारे मे कुछ नही पता कुछ भी नहीं।
plz बतादो ना
प्रशांत_ आओ ,प्रोमिस करो कि तुम केवल सुनो गी,
कुहू_ओके।
पशांत_ फिलहाल तुम मेरे बारे में बस इतना ही जनलो की मुझे हार्मोनिका पसंद है मै स्कूल के बाद बॉक्सिंग क्लब जाता हूं।
कुहू_ तो इसीलिए तुम सब को मार लेते हो।पर पहले तो मुझे तुम्हे बचना पड़ता था।
प्रशांत_ हा इसीलिए तो मै अब तुम्हारा एहसान चुकाने के लिए तुम्हे परेशान करने वालो को मारता हू।
कुहू_ मुझे तो कोई परेशान नहीं करता।और तुम्हे कैसे पता कि मै कहा रहती हू
प्रशांत_ मुझे सब पता है।
जदा समय तुम्हारे पास नहीं रह सकता। मुझे जाना हो गा
कुहू_ क्यों? कहा जाना है ?कब आओ गे? कब जाओ गए?
प्रशांत_ कुछ महीनों में चला जाऊ गा।मिलता रहूंगा।लिकिं हमेशा साथ नहीं रह पाऊंगा।
कुहू_ तुम कुछ सही से क्यों नहीं बताते।
प्रशांत_ तुम समझोगी ही नहीं।अब जाओ ।
कुहू_ अच्छा अपना चहरे तो दिखादो।
मैंने 4 मे ही देखा था।
प्रशांत_ तुम दर जाओगी।
अब बस एक और सवाल नहीं।
कुहू_ ओके।
( 8: 30 बजे सभी लोग ग्राउंड से स्कूल के लिए निकल गए पर तभी मै सीढ़ियों पर जाके बैठ गई प्रशांत आया।
सभी दोस्तो के साथ केक काटने के बाद सब चले गए )
प्रशांत_तो तुम मेरे लिए क्या लाई हो ?😊
कुहू _ कुछ भी नहीं 😔
प्रशांत _ कोई बात नहीं 😊
कुहू_ बुट आज तुम्हारा बर्थडे था
प्रशांत _ तो क्या हुआ ।तुम ये रख लो ।
कुहू _ मेरे लिए।इतना बड़ा गिफ्ट।क्या है इस मे
प्रशांत_ जब खोलेगी तब जान जाओगी। पर हा बताना जरूर।
कुहू_ गिफ्ट तो मुझे देना चाहिए था।
प्रशांत_ सुनो मै तुम्हे गले लगा सगता हू।
कुहू_ हा।
प्रशांत_ कोई आ रहा है। जाने दो। फिर कभी।
कुहू_😊 बाए!
प्रशांत _ बाए।

( पर कौन जानता था कि ये हमारी आखिरी मुलाकात थी।प्रशांत 2दिन बाद छत से कूद गया।
उसके हाथ में एक कागज था जिसपर लिखा था " मै तुमसे कुछ नहीं कह सकता कुहू।" मेरा तो जैसे सब कुछ बिखर सा गया हो मेरे पैरो तले ज़मीन ही खिसक गई आख़िर एसा क्या नहीं कह सकता था वो मुझसे।
प्रशांत तुमने मुझे कभी कुछ नहीं बताया।
आज से 5 साल पहले तो मुझे केवल अपने दोस्त को खाने को हम था पर वो कहते है ना कि घर को मुर्गी सग बराबर।
प्रशांत तुम्हारी हर बात आज मुझे समझ आती है। तुम हमेशा दो तरफी बात बोलते थे।आज सब को देख कर ऐसा होता है कि तुम क्या समझना चाहते थे पर क्या वो समझने केलिये हम बहुत छोटे नहीं थे।
शायद तुम नहीं तुम बहुत इंटेलिजेंट थे मेरा होम वर्क तो दो मिनट में कर लेते थे।प्रशांत आज भी तुम्हारे बारे में कुछ नहीं जानती और तुम्हारा वो गिफ्ट मैंने आज भी यू ही रख रखा है उसे खोलने की हिम्मत ही नहीं हुई।
प्रशांत सचमे मेरा कोई तुमसा दोस्त नहीं ।
काश तुम लौट आओ ।काश मेरी आंख खुले और सब कुछ सपना हो जाएं।मुझे ये नहीं समझता की तुम मुझे छोड़ कर चले कैसे गए क्या लगता है तुम्हे अब कोई मुझे अरेसहन नहीं करता होगा। आई मिस यू डियर! सच्ची सच्ची प्रशांत तुम्हारा होना ना भगवान का होना था।मुझे कभी भी कोई प्रॉब्लम नहीं होती थी।तुम्हारा चेहरा नहीं याद है पर बातें याद है सारी अच्छे से।लौट आओ प्रशांत plz सच मे मै अकेली हो गई हू।तुम क्यों चले गए। मै तो तुम्हे गले भी नहीं लगा पाई। प्रशांत जहा भी हो plz अब मेरा इंतजार कर लो मै बहुत जल्दी आऊंगी सच्ची।आज समझ आता है कि तुम्हे कितना दर्द हुआ होगा। जब मै आऊंगी ना तो plz मुझे अपना चेहरा दिखा देना मै नहीं डरूंगी plz अपनी हड्डी की कैप जाता देना।देखो ना आज मै सिर्फ ये जनिती हू कि मेरी तरह तुम्हारी सीधी आंख में तिल है।पता है आज तक ना मैंने कभी किसी भी लड़के को चेहरा ठीक से नहीं देखा किसी की भी आंख में वो तिल नहीं होगा।हम जरूर मिलेंगे। तुम देखना।तुम कहते थे ना कि मेरे लिए काच का घर बनाओ गए बना लो अभी ही मै बहुत जलदी आऊंगी सच्ची।तुम्हारा बर्थडे गिफ्ट ले के। नाराज़ तो नहीं हो ना।मुझे याद है 10 सालो में कभी भी तुम मुझे चललाए नहीं।तुम्हारी बहुत याद आती हैं। मुझे नहीं पता था कि वो हमारी आखिरी मुलाक़ात होगी। अलविदा तक नहीं कह पाए।पर मै कभी ना कहती सच्ची

_कुहू

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