खौंफ की वो रात
रात के तकरीबन दस बज चुके थे । हवाओं का रूख़ भी बदला हुआ था । मौसम का मिजाज कुछ ठीक नहीं था । मगर रोहन और आदित्य को अपने ख़ास दोस्त की शादी में जाना था ।
आदित्य कार को ड्राइव कर रहा था । रास्ते पथरीले होने की वज़ह से
वो कार को धीमी स्पीड से ले जा रहा था । मगर रोहन को यह बात पसंद नहीं थी । इसलिए वो आदित्य से बार-बार बोल रहा था ।
रोहन :
,," यार तू क्या कर रहा है । ऐसे कार को ड्राइव करेगा । तो फिर हम कल सुबह ही पहुंचेंगे । तू जानता है ना हमारे ख़ास दोस्त की शादी है । फिर भी तू टाइम लगा रहा है । तू हट मैं कार ड्राइव कर रहा हूं । तुझसे नहीं होगा ।
रोहन आदित्य से कार ड्राइव करने को कहता है । ज्यादा ज़िद करने पर, आदित्य चिल्लाकर बोलता है ।
आदित्य :
,"ले आ कर ड्राइव , तुझे भी तो पता चले की कार को ड्राइव कैसे करते हैं । तुझे दिखता नहीं रास्ता पथरीला है । अब क्या उड़ा कर ले चलूं । और क्या कहा तुने , मैं टाइम लगा रहा हूं । थोड़ा फ़्लैश बैक जा और सोच , तू सजने संवरने में कितना टाइम लगा रहा था । अरे इतने टाइम में तो एक दुल्हन रेडी हो गई होती । बात करता है
रोहन :
,,,,,, अच्छा जी , चल यह सब छोड़ , पर यार दोस्त तो वो तेरा भी है ना सोच कैसा लगेगा उसे अगर हम टाइम पर ना पहुंचे तो , और कितने प्यार से बुलाया था उसने , और तो और उसने यह भी कहा था । कि तुम दोनों के बगैर मेरी शादी अधूरी लगेगी
वो दोनों एक-दूसरे से बात कर ही रहे होते हैं तभी , उनकी कार एक बड़े से पत्थर से जाकर टकरा जाती है ।
इन सब से परेशान होकर , आदित्य गुस्से में बोल पड़ता है
आदित्य :
," ले हो गया स्यापा तू सही ही कह रहा था । अब हम कल सुबह ही पहुंचेंगे । सब तेरी वज़ह से हुआ है । कब से बकवास पे बकवास किए जा रहा है । तो यह तो होना ही था ।
रोहन :
देख जो होना था वो हो गया । हम दूसरे रास्ते से निकलते हैं ना ,
वैसे भी इस रास्ते में इतने पत्थर है । अभी तो हमारी कार सिर्फ टकराई है । कहीं ऐसा ना हो आगे कोई और बड़ा पत्थर हो , और फिर क्या होगा तू सोच सकता है । कोई बड़ा एक्सिडेंट होने से अच्छा है । हम पहले सतर्क हो जाएं
आदित्य :
गुस्से में ,,,,
कौन सा रास्ता ,तू ने तो सारे रास्ते बंद कर दिए अब किस रास्ते ले चलूं मैं तुझे , तू कहीं उस जंगल वाले रास्ते की बात तो नहीं कर रहा है
जहां कई चुड़ैलो का वास है । अगर तू उस रास्ते की बात कर रहा है तो भुल जा क्योंकि मैं तो उस रास्ते नहीं जाने वाला ,
रोहन :
चिढ़कर,,,,,
हां मैं उसी रास्ते की बात कर रहा हूं । एक बात बता मुझे तू , तुने कभी उन चुड़ैलो को देखा है या ऐवी मुझे डरा रहा है । और मैं तो उस रास्ते कई बार आ जा चुका हूं । मुझे तो आजतक कोई चुड़ैल नहीं दिखी ।
और तू तो ठहरा एक ब्राह्मण फिर भी डर रहा है । अगर गलती से भी वो चुड़ैल तेरे सामने आ गई तो तू उन्हें हनुमान चालीसा सुना देना । आइ एम 100% स्योर वो चुड़ैले पक्का भाग जाएंगी ।
आदित्य :
लगता है तू कभी भी उस रास्ते में रात में नहीं आया , अगर आया होता तो ऐसे नहीं बोलता ,
तुझे पता है आजतक जो भी उस रास्ते, रात में गया है , वो कभी वापस नहीं आया । और तो और उनके लाश भी नहीं मिले आज़ तक
रोहन : फालतू बात करके डरा क्यों रहा है ? ऐसा कुछ नहीं होता तू बेकार की टेंशन ना ले
हां यह अलग बात है मैं कभी उस रास्ते रात में नहीं आया ।
पर चलते हैं ना फिर भी और हम तो दो है ना फिर डर किस बात का
चलेगा ना मेरे साथ , देख मैं एक बार फिर कहता हूं । अगर वो चुड़ैले आई तो तू...
आदित्य कार को ड्राइव कर रहा था । रास्ते पथरीले होने की वज़ह से
वो कार को धीमी स्पीड से ले जा रहा था । मगर रोहन को यह बात पसंद नहीं थी । इसलिए वो आदित्य से बार-बार बोल रहा था ।
रोहन :
,," यार तू क्या कर रहा है । ऐसे कार को ड्राइव करेगा । तो फिर हम कल सुबह ही पहुंचेंगे । तू जानता है ना हमारे ख़ास दोस्त की शादी है । फिर भी तू टाइम लगा रहा है । तू हट मैं कार ड्राइव कर रहा हूं । तुझसे नहीं होगा ।
रोहन आदित्य से कार ड्राइव करने को कहता है । ज्यादा ज़िद करने पर, आदित्य चिल्लाकर बोलता है ।
आदित्य :
,"ले आ कर ड्राइव , तुझे भी तो पता चले की कार को ड्राइव कैसे करते हैं । तुझे दिखता नहीं रास्ता पथरीला है । अब क्या उड़ा कर ले चलूं । और क्या कहा तुने , मैं टाइम लगा रहा हूं । थोड़ा फ़्लैश बैक जा और सोच , तू सजने संवरने में कितना टाइम लगा रहा था । अरे इतने टाइम में तो एक दुल्हन रेडी हो गई होती । बात करता है
रोहन :
,,,,,, अच्छा जी , चल यह सब छोड़ , पर यार दोस्त तो वो तेरा भी है ना सोच कैसा लगेगा उसे अगर हम टाइम पर ना पहुंचे तो , और कितने प्यार से बुलाया था उसने , और तो और उसने यह भी कहा था । कि तुम दोनों के बगैर मेरी शादी अधूरी लगेगी
वो दोनों एक-दूसरे से बात कर ही रहे होते हैं तभी , उनकी कार एक बड़े से पत्थर से जाकर टकरा जाती है ।
इन सब से परेशान होकर , आदित्य गुस्से में बोल पड़ता है
आदित्य :
," ले हो गया स्यापा तू सही ही कह रहा था । अब हम कल सुबह ही पहुंचेंगे । सब तेरी वज़ह से हुआ है । कब से बकवास पे बकवास किए जा रहा है । तो यह तो होना ही था ।
रोहन :
देख जो होना था वो हो गया । हम दूसरे रास्ते से निकलते हैं ना ,
वैसे भी इस रास्ते में इतने पत्थर है । अभी तो हमारी कार सिर्फ टकराई है । कहीं ऐसा ना हो आगे कोई और बड़ा पत्थर हो , और फिर क्या होगा तू सोच सकता है । कोई बड़ा एक्सिडेंट होने से अच्छा है । हम पहले सतर्क हो जाएं
आदित्य :
गुस्से में ,,,,
कौन सा रास्ता ,तू ने तो सारे रास्ते बंद कर दिए अब किस रास्ते ले चलूं मैं तुझे , तू कहीं उस जंगल वाले रास्ते की बात तो नहीं कर रहा है
जहां कई चुड़ैलो का वास है । अगर तू उस रास्ते की बात कर रहा है तो भुल जा क्योंकि मैं तो उस रास्ते नहीं जाने वाला ,
रोहन :
चिढ़कर,,,,,
हां मैं उसी रास्ते की बात कर रहा हूं । एक बात बता मुझे तू , तुने कभी उन चुड़ैलो को देखा है या ऐवी मुझे डरा रहा है । और मैं तो उस रास्ते कई बार आ जा चुका हूं । मुझे तो आजतक कोई चुड़ैल नहीं दिखी ।
और तू तो ठहरा एक ब्राह्मण फिर भी डर रहा है । अगर गलती से भी वो चुड़ैल तेरे सामने आ गई तो तू उन्हें हनुमान चालीसा सुना देना । आइ एम 100% स्योर वो चुड़ैले पक्का भाग जाएंगी ।
आदित्य :
लगता है तू कभी भी उस रास्ते में रात में नहीं आया , अगर आया होता तो ऐसे नहीं बोलता ,
तुझे पता है आजतक जो भी उस रास्ते, रात में गया है , वो कभी वापस नहीं आया । और तो और उनके लाश भी नहीं मिले आज़ तक
रोहन : फालतू बात करके डरा क्यों रहा है ? ऐसा कुछ नहीं होता तू बेकार की टेंशन ना ले
हां यह अलग बात है मैं कभी उस रास्ते रात में नहीं आया ।
पर चलते हैं ना फिर भी और हम तो दो है ना फिर डर किस बात का
चलेगा ना मेरे साथ , देख मैं एक बार फिर कहता हूं । अगर वो चुड़ैले आई तो तू...