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behind the bars : tales of womens in 90s
यह बात 1990 की है...
जहां पर लोगो की सोच थोड़ी अलग है।, जहां पर लोगो को यह लगता है की एक औरत सिर्फ घर में रहने के लायक है। , जहां पर लोगो को यह लगता है की एक औरत को सिर्फ घर के काम करने चाहिए। जहां पर लोगो को यह भी लगता है की भले घर में दो रोटी के लाले है वहा पर औरते सिर्फ घर में बैठ कर अपने भूखे बच्चे को ताड़े जो भूख में बिल - बिला के रो रहा है।, कोन होते है वो लोग जो हमें बताएं की हम क्या कर सकते है या नही


तो शास्त्र उठाओ और नारा लगा कर लोगो को बताओ की "आज की नारी सब पर भारी" हो सकती है।

अब यह समय उस मासूम नारी का नही है जो सब का सुन कर अपने मन का नही कर सकती। हम वो नारी है जो कलम भी उठा सकती है और जरूरत आने में शास्त्र भी।


यह तो हम बिल्कुल नही जानते की पुराने समय में एक औरत के साथ क्या क्या हुआ है पर हम उस चीज को बदल जरूर सकते है इसी लिए हमने ये कहानी लिखी जिससे लाखो से ले कर करोड़ औरते अपने अंदर बदलाव लाए जिससे वो ताकतवर बन के मां काली का रूप ले कर अपनी ताकत लोगो तक दिखाए, कुछ कर के उन मर्दों का मुंह बंद करे जो औरतों को लकारते है उनकी शक्ति में आवाज उठाते है।
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written by Alice saxena