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मैं मेल तीन शक्ति की तुम मंदिर मेरे...
तप , प्रेम और पवित्रता की तीन मूरत ,,, पार्वती , राधा और सीता का मेल हूं मैं,,,
तुम शिव , राम और कृष्ण का रूप न सही तो इस कलयुग में मेरे मंदिर बन जाना ,,,,
फिर रहना तुम सामने मेरे ,,,,,मैं तुम्हारी पुजारन बन प्रेम तपस्या करूंगी,,,
पत्थर तो हो तुम ,तुम पिघलोगे एक दिन भक्ति से मेरी इस आस में रहूंगी ।
फिर हो कर प्रसन मेरे विश्वास से ,,
तुम मेरे कृष्ण बन कर आना ,, बनाना मुझे अपनी राधा और अपना सारा प्रेम मुझ पर बरसाना।।।।
फिर आना तुम मेरे राम बन कर मेरा इंतज़ार खत्म कर हाथ थाम कर मुझे ले जाना ।।।।
और जब बनोगे मेरे शिव भोले भंडारी तो सात वचनों में बांध कर मुझे हर जन्म के लिए अपना बनाना।।।।
बन कर राधा तुम्हारी मैं ,, तुम्हारा हर दुख दर्द खुद पर ले लुंगी।।।
मान रख कर तुम्हारा और तुम्हारे परिवार का सीता सी हर हाल में रह लुंगी।।।
और जो बनी पार्वती तुम्हारी तो फिर तुम्हे बना कर सर्वश्रेष्ठ कहीं भी झुकने नहीं दुंगी।।।
अगर चाहोगे तुम तो दोनो लेंगे रूप नए ,,, नए मंदिर में पुरानी कहानियों से नई कहानी में बना दूंगी,,,,
तुम बस साथ खड़े रहना घर तो घर तुम्हारी हर मंज़िल का रास्ता भी सजा दूंगी।।।
ख्याली बातों से परे हो कर सोचो ज़रा तुम और मैं में कितनी दूरियां है ,,
हम हुए तो हम सा फिर रिश्ता न होगा किसी का ,, इतनी गहराई से मैं तुम्हारी साथी बनूंगी।। ।।
अगले पिछले न जाने कितने जन्मों के बिछड़ने की तड़प है ये ,,,,
इस जन्म भी न मिली तुम से,, तो फिर मैं जन्म ही नहीं लुंगी।।।।
मैं राधा तुम कृष्ण, मैं पार्वती तुम शिव, मैं सीता तुम राम ,,,
मैं मैं तुम तुम और फिर हम बताओं कब मैं ये पल जियूंगी।। ।।
तुम तो हो पत्थर ,, तुम जब तक पिघलोग नहीं मैं तप करूंगी।।।।
तुम बनना मेरे मंदिर के भगवान,,, मुझे विश्वास है अपनी भक्ति से मैं तुम्हे प्रसन्न ज़रूर करूंगी।।।
तुम आओगे मेरे कृष्ण, राम और शिव बन कर,,,
मैं राधा, सीता और पार्वती सा इंतज़ार करूंगी।।।।
🤍❤️🤍❤️

© vandana singh