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मजबूरी Part 7
गजरा पूरी लगन और मेहनत के साथ अपनी चाय की दुकान चलाने लगी,
गगन भी बहुत मेहनत से पढ़ाई करने लगा,
देखते-देखते गगन इंटरमीडिएट पास कर चुका,
अब गगन बाहर पढ़ाई करना चाहता था,
गगन बैरिस्टर बनना चाहता था,
गजरा बहुत मेहनत करने लगी,
और चाय की दुकान बहुत अच्छी तरह से चलने लगी,
गजरा गगन को पढ़ाई करने के लिए शहर भेज दी,
गगन मेहनत से पढ़ाई कर रहा था शहर में,
उसे हमेशा अपनी दीदी की याद आती थी,
किस तरह से उसकी दीदी मेहनत करके उसे पढ़ा रही हैं,
इसीलिए गगन हमेशा पैसों का सही उपयोग करता था,
और बड़ी लगन के साथ पढ़ाई करता था,
इधर गजरा एक-एक पैसा इकट्ठा करके,
हर महीने में गगन के पास भेजती थी,
गजरा की तबीयत बराबर सही नहीं रहती थी,
कभी-कभी चक्कर आ जाता था,
कभी-कभी बुखार भी हो जाता था,
काम की वजह से गजरा खुद पर ध्यान नहीं दे पा रही थी,
धीरे-धीरे गजरा की तबीयत बहुत खराब रहने लगी,
अब तो दवा भी असर नहीं हो रहा था,
फिर गजरा एक दिन बड़े अस्पताल में गयी,
डॉक्टर ने गजरा से कहा कि गजरा को कैंसर हो गया है,
कैंसर के इलाज के लिए बहुत पैसे लगेंगे,
गजरा सोचने लगी अगर मैं अपना इलाज करवाऊंगी तो हर महीने में पढ़ाई के लिए भाई के पास पैसा कहां से भेजूंगी,
गजरा अपना इलाज रोक दी,
और हर महीने में गगन के पढ़ाई के लिए पैसे भेज देती थी,
गजरा ज्यादा बीमार रहने लगी,
अब तो दुकान भी अच्छे से नहीं चल रही थी,
लेकिन गजरा भाई को कुछ नहीं बताती,
सारा दर्द अकेले सह रही थी,
गजरा के पास जो भी पैसा था,
धीरे-धीरे समाप्त होने लगा,
ज्यादा बीमार होने के कारण गजरा चारपाई पर रहने लगी,
गगन का पत्र आया,
पत्र में लिखा था,
पढ़ाई का अंतिम चरण चल रहा है,
अब सिर्फ ₹50000 चाहिए,
इसके बाद पढ़ाई समाप्त हो जाएगी,
मैं बैरिस्टर बनकर घर वापस आ जाऊंगा,
गजरा सोचने लगी ₹50000 कहां से लाऊं,
फिर गजरा सोचने लगी,
माॅं की आखिरी निशानी,
सोने के कंगन,
अब गजरा के पास सिर्फ यही सोने का कंगन बचा था,
इस सोने के कंगन को एक बार काकी भी लेने की कोशिश की थी,
लेकिन गजरा इस कंगन को किसी को हाथ नहीं लगाने देती,
आज गजरा मजबूर थी,
गजरा कंगन बेचकर ₹50000 भाई के पास भेज दी,
कुछ दिन के बाद गजरा के पास पत्र आया,
पत्र में गगन ने लिखा था,
दीदी मेरी पढ़ाई समाप्त हो चुकी है,
अब मैं बैरिस्टर बनकर घर वापस आ रहा हूं,
गजरा की खुशी का ठिकाना नहीं था,
गजरा बहुत खुश थी,
गजरा मोहल्ले में सभी को बता रही थी मेरा भाई वापस आ रहा है,
आज गजरा को बहुत खुशी हो रही थी कि उसका सपना पूरा हो गया,
वह अपने भाई को पढ़ा लिखा कर एक काबिल इंसान बना दी।