...

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जिम्मेदारी
कुनाल क्या हुआ आप उदास क्यों है
माँ जी आप भी उदास है
बहु तुमसे बस रविवार को बात हो पाती कभी कभी तो वो भी नहीं
माँ जी देखिए ना कितने लोग अपनी फ़रियाद लेकर आते हैं मुझपर जिम्मेदारी है मैं कलेक्टर हूं इसलिए

उस बात की टी खुशी होती जब लोग कहते ये आपकी बहु के कारण हुआ सब तुमने बहुत अच्छा करा जहां लाइट नहीं थी वहां लाइट आ गयी जिसके लिए लोग बार बार सरकार को लिखकर दे चुके थे
तुमने स्कूलो की मरम्मत करायी कई जगह बनवाए भी
तुमने लोगों को जगह जगह पेड़ लगाने को कहा ताकि बाद मे भी लोग गर्मी से सुकून के लिए उसकी छाँव मे बैठ सके

तुमने बार बार बात आगे पहुंचाई
सड़क भी सही करायी
सभी ने तुम्हारी तारीफ की
तुमने बाल विवाह रुकवा कर अच्छा काम करा

सब काम अच्छे है तुम्हारे बहु पर थोड़ा सा समय
कुनाल को मुझे दिया करो
हाँ मैं जानती हूं ये इतना आसान नहीं पर कोशिश तो कर सकती ना दोनों जगह सामंजस्य बनाकर रखो

माँ जी मैं कोशिश करूंगी पर आपके सुझाव के लिए बहुत धन्यवाद

ये सुनकर सास और कुनाल दोनों मुस्कुरा दिए
उनको खुश देखकर सुमन भी खुश हो गयी

कुनाल ने चाय बनाई
सभी चाय पीने लगे

चाय पीने के बाद
सुमन फिर से काम करने लगी ।

समाप्त
12/6/2024
1:15 प्रातः
© ©मैं और मेरे अहसास