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"जिद्द"
शुभांगी दौड़ते हुए स्टेशन की प्लैटफॉर्म पर भाग रही थी क्योंकि ट्रेन ने सीटी बजा दी थी और वो बस खाने पीने का सामान और किताबें खरीदने में इतनी मशगूल हो गई कि उसे समय का ध्यान ही नहीं रहा,इधर उसकी सहेलियाँ चिल्ला रही थी "जल्दी कर शुभू क्या कर रही है, खैर किसी तरह वो ट्रेन में चढ़ गई।
शुभांगी एक 25 वर्षीय लड़की थी और बहुत खुश मिज़ाज और चंचल थी। वो अपनी सहेलियों के संग नैनीताल घूमने जा रही थी। वो अभी सीट पर बैठी ही थी कि उसकी नज़र अपने सामने वाली सीट पर गई जहाँ एक सुदर्शन युवक बैठा हुआ था वो दीन दुनियाँ से बेखबर किताबों में तल्लीन था। न जाने क्यों शुभांगी को वो बहुत क्यूट सा लगा।
खैर शुभांगी भी अपनी सीट पर बैठ गई शुभांगी को खाने पीने का बेहद शौक़ था तो वो एक चिप्स निकाल कर खाने लगीं,उधर उसकी सहेलियों ने भी अपनी अपनी पोटली खोलीं,कोई पूड़ी सब्ज़ी खा रही थी तो कोई पकौड़े तो कोई कोल्ड ड्रिंक पी रहीं थी। इधर वो युवक अब भी किताबों में खोया था बड़ा अजीब है शुभांगी बुदबुदाई तभी युवक शुभांगी की ओर देखकर बोला आपने मुझसे कुछ कहाँ? शुभांगी झेप गई और बोली वो ..... मै सोच रहीं थी आप को भूख नही लगती तब से देख रही हूँ आप किताबों में ही खोएं है। युवक हंसते हुए बोला नहीं जब लगेगी तो खा लेगें। इसके बाद शुभांगी अपनी सहेलियों के संग बातें करने लगीं तो युवक उठा और शुभांगी से पूछा "वैसे आप सब कहाँ जा रही है? "
शुभांगी ने उसे बताया कि वो सब नैनीताल जा रही है घूमने उसके बाद बातों का सिलसिला चल पड़ा युवक ने शुभांगी को अपना नाम सलीम बताया फिर शुभांगी ने भी अपना नाम उसे बताया। शाम को सभी चाय का सोच ही रही थी कि सलीम एक चाय वाले को आवाज देने लगा और सबको चाय देने को कहा और पैसे भी उसी ने दे दिए। शुभांगी चाय पीने लगीं। चाय पीते हुए उसकी नज़र सलीम पर गई तो वो भी उसे ही देख रहा था,शायद वो भी शुभांगी से आकर्षित हो गया था।
रात को सभी सहेलियाँ बातें और हंसी मजाक करने लगीं और सबने साथ खाना खाया फिर रात और गहराने पर सब सो गये। शुभांगी को ट्रेन में नींद नहीं आती थी इसलिए वो जाकर दरवाजे के पास जाकर खड़ीं हो गई। अभी उसे कुछ देर ही हुआ था कि सलीम भी उसके पास आकर खड़ा हो गया शुभांगी उसे देखकर मुस्कुरा दी उसके बाद दोनों वही खड़े होकर बातें करने लगे। फिर अचानक बातों बातों में सलीम ने अपने प्रेम का इज़हार कर दिया सुनकर शुभांगी हया से लाल हो उठी। उसके इस अंदाज पर सलीम ने उसका माथा चूम लिया फिर जल्द ही मिलने का वादा कर उसनें अपना फोन नंबर शुभांगी को दे दिया। दूसरे दिन दोनों ने अपने अपने गन्तव्य को जाने के लिए एक दूसरे से विदा ली।
नैनीताल जाकर शुभांगी ने अपने दोस्तों के साथ खूब एन्जॉय किया फिर दो दिन बाद सब वापस आ गए।
कुछ दिनों बाद शुभांगी को पता चला कि उसके माता पिता उस के लिए लड़का देख रहे है सुनकर ही वो परेशान हो उठी और उसनें सलीम से बात की इधर सलीम ने भी उससे कहा कि जब उसने अपनी माँ से उसके लिए बात की तो वो धर्म कि रोना लेकर बैठ गई तब सलीम भी परेशान हो गया। शुभांगी ने सलीम से साफ शब्दों में कह दिया कि अगर उसकी शादी सलीम से न हुई तो वो आजीवन विवाह नहीं करेगी। इधर शुभांगी की माँ ने सारी बातें सुन ली और बोली सुन ले शुभांगी हम हिन्दू ब्राह्मण परिवार से है,मै एक मुस्लिम लड़के से तेरी शादी नहीं होने दूंगी,तो शुभांगी भी बोली तो आप भी सुन लीजिये माँ अगर मेरी शादी सलीम से नहीं हुई तो मै आज से ही अन्ना जल त्याग दूंगी। और रात से ही शुभांगी ने सब कुछ खाना पीना छोड़ दिया एक दिन,दो दिन, तीन दिन शुभांगी ने न कुछ खाया न पिया उधर माँ ने जब शुभांगी को देखा तो उनका कलेजा मुंह को आ गया और वो दौड़ कर अपनी बेटी के गले लग गई उधर सलीम ने भी सब कुछ खाना पीना त्याग दिया था आखिर दोनों बच्चों की जिद्द के आगे बड़ों को झुकना पड़ा और दोनों की मोहब्बत ने धर्मों और जाति की दीवारों को गिरा दिया।
शादी की पहली रात जब सलीम ने कमरे में प्रवेश किया तो सफेद कुर्ता और पैजामे में वो बहुत ही खूबसूरत लग रहा था,उधर शादी के लाल जोड़ें में शुभांगी भी गजब ढा रहीं थी। सलीम ने आते ही शुभांगी को अपनी बांहों में भर लिया और उसके होठों को चूम लिया शुभांगी ने भी कस कर सलीम को अपनी बांहों में कस लिया।
(समाप्त) - समय सायं 6:34- शुक्रवार



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