...

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Natural love 💕😍
है अटकी निशा उसके बालों पे
है चढ़ती-उतरती सुबह गालों पे

मैं, मैं नहीं, ना अपनाया अभी
फिर हुआ कैसे कब्ज़ा ख़यालों पे

शालीनता उसकी भा गई मुझे
वो पल एक वज़्नी सालों पे

चंचल चितवन जैसे श्याम घटा
टपके बूँद आए सकून छालों पे

छू...