एक असम्भव प्रेम गाथा अनन्त का लक्ष्य ।।
इस गाथा का नाम तथा लक्ष्य बहुत बड़ा है। यह कहानी इसलिए पूर्ण नहीं हो सकती है क्योंकि लड़की की आवश्यकता धन है और आदम की केवल एक ही उम्मीद है, उसे यदि नाम दिया तो क्या होगा -अनरथ।। इसलिए गाथा में नाम की आवश्यकता किसी को नहीं है, क्योंकि दोनों ही कालचकृ द्वारा श्रापित है, स्वार्थ ही कर्म की सीडी बनतीं है, मोक्ष समर्पण का परिश्रम है, मोक्ष ही एक असंभव प्रेम गाथा अनन्त का अधूरा लछय है।।
और प्रेम ही मोक्ष तक पहुंचने का एक मात्र साधन है, यह गाथा अनन्त क्यों है, पूर्ण होकर समाप्त क्यों नहीं हो सकती है, कृष्ण प्रेम शैली दिवानी श्रृंखला ।। सर्वत्र प्रभु हरि विष्णु द्वारा आश्वासन दिए गए हैं,
यह गाथा कैसे लोगों स्वीकार कर लेती हैं,समय का अन्त और गाथा का अन्त कब और किस को कहा गया है, क्या कालचकृ का अन्त कभी होगा या यह गाथा हमेशा कलमबद्ध अनन्त होकर ऐसे ही चलती रहेगी।। मनु द्वारा प्रेम ना मिलने पर स्त्री द्वारा सपरण ना मिलने के कारण यह गाथा अनन्त के लिए भ्रमण करती रहेगी, मोक्ष ना मिलने के कारण
मनु प्राण योही भ्रमण करता रहेगा, और कर्म संतुलित होने के कारण यह निर्विघ्न चलती रहेगी।।
इस गाथा में गायन -सम्रपण कौन सा गीत है और यह गीत प्रस्तुती किसके रूप में हुई है और किसकी सैली में हुई है।।
गायन -सम्रपण
कृष्ण शैली रचित द्वारा -दिवानी।।
कृष्ण और दीवानी की शैली का उल्लेख कैसा होगा।।
कर्म काभी पूर्ण नहीं होता है ना समय काभी समाप्त होता है,। बस जो आज है वो कल शाहद हो या ना हो ।।
कर्म की उपादि जन्म नहीं मृत्यु निश्चित करती है,
इसलिए जो जगह शमशान घाट की एक असंभव प्रेम गाथा में अनन्त की अदालत में बताई गई है,
वो जगह और किसी कि नहीं हो सकती है।।
गाथा में किसे क्या कहा गया है।।
श्रीकृष्ण जी को अर्पित होने वाला भोजन सर्वश्रेष्ठ है।।🧂💧🍫🍰🦚।।
एक दीवानी प्रेम समर्पण रूप और दर्पण त्याग समर्पित समारोह मे श्री कृष्ण जी को अर्पित किए जाने वाले मुख्य भोग।। नायिका लैसवी द्वारा श्री कृष्ण को अर्पण किए जाते थे।।
यह गाथा अनन्त होने के पूर्ण नहीं हो सकी मगर समाप्त जरूर हो गई।।
श्रीकृष्ण मुख्य न्यायाधीश।।
और प्रेम ही मोक्ष तक पहुंचने का एक मात्र साधन है, यह गाथा अनन्त क्यों है, पूर्ण होकर समाप्त क्यों नहीं हो सकती है, कृष्ण प्रेम शैली दिवानी श्रृंखला ।। सर्वत्र प्रभु हरि विष्णु द्वारा आश्वासन दिए गए हैं,
यह गाथा कैसे लोगों स्वीकार कर लेती हैं,समय का अन्त और गाथा का अन्त कब और किस को कहा गया है, क्या कालचकृ का अन्त कभी होगा या यह गाथा हमेशा कलमबद्ध अनन्त होकर ऐसे ही चलती रहेगी।। मनु द्वारा प्रेम ना मिलने पर स्त्री द्वारा सपरण ना मिलने के कारण यह गाथा अनन्त के लिए भ्रमण करती रहेगी, मोक्ष ना मिलने के कारण
मनु प्राण योही भ्रमण करता रहेगा, और कर्म संतुलित होने के कारण यह निर्विघ्न चलती रहेगी।।
इस गाथा में गायन -सम्रपण कौन सा गीत है और यह गीत प्रस्तुती किसके रूप में हुई है और किसकी सैली में हुई है।।
गायन -सम्रपण
कृष्ण शैली रचित द्वारा -दिवानी।।
कृष्ण और दीवानी की शैली का उल्लेख कैसा होगा।।
कर्म काभी पूर्ण नहीं होता है ना समय काभी समाप्त होता है,। बस जो आज है वो कल शाहद हो या ना हो ।।
कर्म की उपादि जन्म नहीं मृत्यु निश्चित करती है,
इसलिए जो जगह शमशान घाट की एक असंभव प्रेम गाथा में अनन्त की अदालत में बताई गई है,
वो जगह और किसी कि नहीं हो सकती है।।
गाथा में किसे क्या कहा गया है।।
श्रीकृष्ण जी को अर्पित होने वाला भोजन सर्वश्रेष्ठ है।।🧂💧🍫🍰🦚।।
एक दीवानी प्रेम समर्पण रूप और दर्पण त्याग समर्पित समारोह मे श्री कृष्ण जी को अर्पित किए जाने वाले मुख्य भोग।। नायिका लैसवी द्वारा श्री कृष्ण को अर्पण किए जाते थे।।
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श्रीकृष्ण मुख्य न्यायाधीश।।
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