देश के हालात और हम...!
देश के हालात और हम...!
काल पता नही मन बोहोत अस्वस्थ था। न जाने क्यों ? जब बोहोत सारे खयाल दिमाग मैं एक साथ चलते है ना तब हम समझ नही पाते कि हम आखिर इस जिंदगी से क्या चाहते है। जब ऐसे हजारो खयालो के बारे मैं हम सोचते है तब सबसे पहला सवाल तो यह होता है कि क्या यह खयाल सिर्फ मुझे ही आते है ? या सबके साथ ऐसा होता है ? पर किसीना न किसीको तो बोलना या लिखनाही ही पड़ेगा।
मैं हमेशा से यह सोचती आयी हु की मैं उन मुद्दों पर बात करने की कोशिश करु जिसके बारे मैं कोई सोचना जरूरी नही समझता। जैसे महाराष्ट्र मैं सत्ता स्थापन करते वक्त या आज जो राजस्थान मैं हो रहा है उस पर मुझे एक डरसा लगने लगा है। हाँ मैं यह मानती हूं कि...
काल पता नही मन बोहोत अस्वस्थ था। न जाने क्यों ? जब बोहोत सारे खयाल दिमाग मैं एक साथ चलते है ना तब हम समझ नही पाते कि हम आखिर इस जिंदगी से क्या चाहते है। जब ऐसे हजारो खयालो के बारे मैं हम सोचते है तब सबसे पहला सवाल तो यह होता है कि क्या यह खयाल सिर्फ मुझे ही आते है ? या सबके साथ ऐसा होता है ? पर किसीना न किसीको तो बोलना या लिखनाही ही पड़ेगा।
मैं हमेशा से यह सोचती आयी हु की मैं उन मुद्दों पर बात करने की कोशिश करु जिसके बारे मैं कोई सोचना जरूरी नही समझता। जैसे महाराष्ट्र मैं सत्ता स्थापन करते वक्त या आज जो राजस्थान मैं हो रहा है उस पर मुझे एक डरसा लगने लगा है। हाँ मैं यह मानती हूं कि...