उपचार
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एक बच्चा डॉक्टर के पास गया
डॉक्टर साहब मेरा उपचार कर दीजिए
क्या हुआ है तुम्हें
पता नहीं
डॉक्टर आश्चर्यचकित जब पता ही नहीं तो इलाज क्या करे
बेटे जब तुम्हें पता नहीं क्या हुआ है तो इलाज क्या करूं ?
अंकल आपके पास तो हर बीमारी का इलाज होता है ना
हाँ पर पहले पता तो पड़े हुआ क्या है
बच्चा चुप हो गया
मेरा बचपन बहुत जल्दी चला गया क्या आप उसे वापस लाने मे मेरी मदद करेंगे
अब तो डॉक्टर के पास कोई भी जवाब नहीं बचा था
क्या हुआ डॉक्टर अंकल मेरा इलाज कीजिए ना
अचानक डॉक्टर के आंसू शुरू हो गए
फिर भी खुद संयत करके पूछा पर क्यों क्या हुआ बेटा पूरी बात बताओ
अंकल मम्मी कोमा मे है पापा शराब मे सब उड़ा देते
मेरी पढ़ाई भी छूट गयी इसलिए पूछा क्या ये सम्भव है मेरा बचपन वापस आ जाए
डॉक्टर की हिम्मत अब जवाब देने लगी थी ऐसा लगा जैसे अंदर कुछ टूट गया है
डॉक्टर ने कहा तुम्हारे पढ़ाई की टेंशन बच्चों को एक संस्थान है जो गरीब बच्चों को फ्री मे पढ़ाती है
उन्हें तुम्हारा नाम दे दूँगा ड्रेस भी वही देंगे
बच्चा कुछ खुश हुआ पर अब भी समस्या थी
पिता शराब मे पैसे उड़ा देते थे
डॉक्टर ने बच्चे को दवा दी कहा की इसे खाने मे मिलाकर दे देना एक दो दिन मे फर्क लगने लगेगा
अब माँ की बीमारी ही आखिरी बची थी
डॉक्टर ने कहा मेरी एक दोस्त डॉक्टर रूपाली मैं उन्हें तुम्हारे साथ भेज दूँगा वो स्पेशलिस्ट है खासकर लकवे के मरीज़ के लिए
आधे घण्टे बाद डॉक्टर रूपाली बच्चे के घर साथ गयी
माँ लेटी हुई थी
माँ बस इधर उधर देख पा रही थी
डॉक्टर रूपाली ने एक्यूप्रेशर शुरू करा शुरू मे माँ को बहुत तकलीफ हुई
ऐसा दो तीन और हुआ तो हाथ धीरे हिलने लगे
बच्चा मुस्कुराने लगा
बच्चे ने जैसे तैसे चावल बनाकर उसमे थोड़ी दवा मिलाकर पिता को दे दी यहां तक पानी मे भी दवा मिला दी
पिता को उल्टी हो गयी
क्या मिलाया था इसमे बोल
पर बच्चा कुछ नहीं बोला
पिता ने बच्चे को मारा
पर बच्चा कोशिश करता रहा
आखिरकार सब सही हुआ
बच्चा डॉक्टर को धन्यवाद करने गया
वहाँ कोई हॉस्पिटल नहीं था उसने लोगों से पूछा यहां एक हॉस्पिटल था
सबने मना करा यहां कोई हॉस्पिटल नहीं था
बच्चा समझ गया किसी ने बच्चे की मदद की और
सिर्फ उसे ही दिखे
उसने जाकर ये बात माँ को बताई
माँ ने तुरंत यकीन कर लिया क्योंकि माँ बहुत ज्यादा भक्ति वाली थी
बच्चे की पढ़ाई हो गयी थी
वो अब पिता के साथ मिलकर सब्जी बेचने लगा
माँ खाना बनाने लगी
धीरे धीरे उसमे और लोग जुड़ते गए
कई लोगों को रोजगार मिला
पर बच्चा अब भी उसी सिद्धांत पर चलता रहा
कोई गरीब उसके आता तो वो उसका पढ़ाई का खर्च उठाता और उसे बिन कहे मदद करता ।
समाप्त
29/3/2024
12:24 प्रातः
© ©मैं और मेरे अहसास
एक बच्चा डॉक्टर के पास गया
डॉक्टर साहब मेरा उपचार कर दीजिए
क्या हुआ है तुम्हें
पता नहीं
डॉक्टर आश्चर्यचकित जब पता ही नहीं तो इलाज क्या करे
बेटे जब तुम्हें पता नहीं क्या हुआ है तो इलाज क्या करूं ?
अंकल आपके पास तो हर बीमारी का इलाज होता है ना
हाँ पर पहले पता तो पड़े हुआ क्या है
बच्चा चुप हो गया
मेरा बचपन बहुत जल्दी चला गया क्या आप उसे वापस लाने मे मेरी मदद करेंगे
अब तो डॉक्टर के पास कोई भी जवाब नहीं बचा था
क्या हुआ डॉक्टर अंकल मेरा इलाज कीजिए ना
अचानक डॉक्टर के आंसू शुरू हो गए
फिर भी खुद संयत करके पूछा पर क्यों क्या हुआ बेटा पूरी बात बताओ
अंकल मम्मी कोमा मे है पापा शराब मे सब उड़ा देते
मेरी पढ़ाई भी छूट गयी इसलिए पूछा क्या ये सम्भव है मेरा बचपन वापस आ जाए
डॉक्टर की हिम्मत अब जवाब देने लगी थी ऐसा लगा जैसे अंदर कुछ टूट गया है
डॉक्टर ने कहा तुम्हारे पढ़ाई की टेंशन बच्चों को एक संस्थान है जो गरीब बच्चों को फ्री मे पढ़ाती है
उन्हें तुम्हारा नाम दे दूँगा ड्रेस भी वही देंगे
बच्चा कुछ खुश हुआ पर अब भी समस्या थी
पिता शराब मे पैसे उड़ा देते थे
डॉक्टर ने बच्चे को दवा दी कहा की इसे खाने मे मिलाकर दे देना एक दो दिन मे फर्क लगने लगेगा
अब माँ की बीमारी ही आखिरी बची थी
डॉक्टर ने कहा मेरी एक दोस्त डॉक्टर रूपाली मैं उन्हें तुम्हारे साथ भेज दूँगा वो स्पेशलिस्ट है खासकर लकवे के मरीज़ के लिए
आधे घण्टे बाद डॉक्टर रूपाली बच्चे के घर साथ गयी
माँ लेटी हुई थी
माँ बस इधर उधर देख पा रही थी
डॉक्टर रूपाली ने एक्यूप्रेशर शुरू करा शुरू मे माँ को बहुत तकलीफ हुई
ऐसा दो तीन और हुआ तो हाथ धीरे हिलने लगे
बच्चा मुस्कुराने लगा
बच्चे ने जैसे तैसे चावल बनाकर उसमे थोड़ी दवा मिलाकर पिता को दे दी यहां तक पानी मे भी दवा मिला दी
पिता को उल्टी हो गयी
क्या मिलाया था इसमे बोल
पर बच्चा कुछ नहीं बोला
पिता ने बच्चे को मारा
पर बच्चा कोशिश करता रहा
आखिरकार सब सही हुआ
बच्चा डॉक्टर को धन्यवाद करने गया
वहाँ कोई हॉस्पिटल नहीं था उसने लोगों से पूछा यहां एक हॉस्पिटल था
सबने मना करा यहां कोई हॉस्पिटल नहीं था
बच्चा समझ गया किसी ने बच्चे की मदद की और
सिर्फ उसे ही दिखे
उसने जाकर ये बात माँ को बताई
माँ ने तुरंत यकीन कर लिया क्योंकि माँ बहुत ज्यादा भक्ति वाली थी
बच्चे की पढ़ाई हो गयी थी
वो अब पिता के साथ मिलकर सब्जी बेचने लगा
माँ खाना बनाने लगी
धीरे धीरे उसमे और लोग जुड़ते गए
कई लोगों को रोजगार मिला
पर बच्चा अब भी उसी सिद्धांत पर चलता रहा
कोई गरीब उसके आता तो वो उसका पढ़ाई का खर्च उठाता और उसे बिन कहे मदद करता ।
समाप्त
29/3/2024
12:24 प्रातः
© ©मैं और मेरे अहसास
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