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*पुनर्निवाह*
*पुनर्विवाह*

"पुनर्विवाह" जिसे दिल और दिमाग़ दोनो से ही स्वीकारना होता है,किसी से जन्मों का रिश्ता बंधना,फिर टूटना और नए व्यक्ति से रिश्ता जुड़ना...! ना ही मन स्वीकार करता है और न तन...!फिर भी कितना जरूरी है ये,इस कहानी में बताने की कोशिश की गई।🙏

"पुनर्विवाह"

आज शेखर की पत्नी सोनाली को मरे पूरे 15 दिन हो गए,सारे रिश्तेदार भी लौट गए।प्रेम विवाह था इसलिए दोनो परिवारों में अनबन थी,और दोनो परिवार उसके दुख में शामिल नहीं हुए।
पत्नी की मृत्यु के शोक में डूबा शेखर सोच ही रहा था कि , झूले में से रोने की आवाज सुनकर बच्चे को संभालने दौड़ा ।घर और ऑफिस दोनो काम संभालना अब शेखर के लिए संभव नहीं था,लेकिन ऑफिस के बिना घर कैसे चलाएगा ,गहरी चिंता में डूबा शेखर..!
तभी...