बचपन का ज़माना
अच्छा था वो बचपन का ज़माना,
चुभता है यू बचपन का गुज़र जाना ।
साथ में लड़ना और साथ में खेलना और स्कूल लंच साथ मिलकर खाना,
अच्छा था वो बचपन का ज़माना।
मम्मी के साथ ऑटो-रिक्शा पर बाज़ार जाना
और पापा के साथ स्कूटर की सैर करने का रोज़ नया बहाना,
अच्छा था वो बचपन का ज़माना।
बर्थडे पर दोस्तों को घर बुलाना
और पार्टी में मम्मी के हाथ का खाना,
गिफ्ट में पेंसिल बॉक्स और चॉकलेट का नज़राना,
अच्छा था वो बचपन का ज़माना।
स्कूल में टीचर का डर सताना और घर में ट्यूशन वाले सर का खेलने के टाइम पर आना,
एग्जाम टाइम पर टीवी का जल्दी बंद हो जाना,
पर अच्छा था वो बचपन का ज़माना।
वो चाट, वो गोलगप्पे के लिए पैसों का हिसाब लगाना,
बचपन के समोसे, पेस्ट्री, छोले भटूरे के सामने फ़ीका है पिज़्ज़ा, बर्गर और फाइव स्टार का खाना,
अच्छा था वो बचपन का ज़माना।
दादी-बाबा का कहानी सुनाना और दूरदर्शन पर चित्रहार के गानों में खो जाना,
पर रास नही आता था वो टीवी देखते-देखते बिजली का चले जाना,
पर अच्छा था वो बचपन का ज़माना।
गर्मियों की छुट्टियों में घूमने जाना,
सर्दियों में रजाई से बाहर ना आना
और बारिश में भीगने पर डाँट खाना,
अच्छा था वो बचपन का ज़माना।
लैंडलाइन से महँगी कॉल पर थोड़े में सब कुछ कह जाना,
वीडियो गेम पर मारियो में घंटों गुज़र जाना
और धूप में भी क्रिकेट की पिच सज जाना,
अच्छा था वो बचपन का ज़माना।
होली पर नए रंगों का खज़ाना और बाज़ार में सबसे नई पिचकारी का पता लगाना,
दीपावली पर नए-नए पटाखों की लिस्ट बनाना,
त्यौहार पर नए-नए पकवानों का मुँह में घूल जाना,
अच्छा था वो बचपन का ज़माना।
टीवी ब्लैक एंड व्हाइट थी लेकिन रंगीन था ज़माना,
फेसबुक और इंस्टाग्राम नहीं थे लेकिन सबकी बातें और तस्वीर का यूँ ही दिलों में बस जाना,
बिजली जाने पर भी कभी अँधेरा का जरा भी अहसास ना आना,
अच्छा था वो बचपन का ज़माना।
उम्र भले ही बड़ जाए लेकिन बचपन तुम बड़े मत हो जाना,
पड़ाव कोई भी हो पर बचपन तुम बुढ़ापे की आख़िरी घड़ी तक मेरा साथ निभाना,
कितना भी बदले जमाना ,कुछ भी हो जाये पुराना ,बस तुम बचपन को भूल ना जाना,
क्योंकि अच्छा था वो बचपन का ज़माना।
बचपन सलामत रहे
बालदिवस की शुभकामनाएं
© Anurag Dubey
चुभता है यू बचपन का गुज़र जाना ।
साथ में लड़ना और साथ में खेलना और स्कूल लंच साथ मिलकर खाना,
अच्छा था वो बचपन का ज़माना।
मम्मी के साथ ऑटो-रिक्शा पर बाज़ार जाना
और पापा के साथ स्कूटर की सैर करने का रोज़ नया बहाना,
अच्छा था वो बचपन का ज़माना।
बर्थडे पर दोस्तों को घर बुलाना
और पार्टी में मम्मी के हाथ का खाना,
गिफ्ट में पेंसिल बॉक्स और चॉकलेट का नज़राना,
अच्छा था वो बचपन का ज़माना।
स्कूल में टीचर का डर सताना और घर में ट्यूशन वाले सर का खेलने के टाइम पर आना,
एग्जाम टाइम पर टीवी का जल्दी बंद हो जाना,
पर अच्छा था वो बचपन का ज़माना।
वो चाट, वो गोलगप्पे के लिए पैसों का हिसाब लगाना,
बचपन के समोसे, पेस्ट्री, छोले भटूरे के सामने फ़ीका है पिज़्ज़ा, बर्गर और फाइव स्टार का खाना,
अच्छा था वो बचपन का ज़माना।
दादी-बाबा का कहानी सुनाना और दूरदर्शन पर चित्रहार के गानों में खो जाना,
पर रास नही आता था वो टीवी देखते-देखते बिजली का चले जाना,
पर अच्छा था वो बचपन का ज़माना।
गर्मियों की छुट्टियों में घूमने जाना,
सर्दियों में रजाई से बाहर ना आना
और बारिश में भीगने पर डाँट खाना,
अच्छा था वो बचपन का ज़माना।
लैंडलाइन से महँगी कॉल पर थोड़े में सब कुछ कह जाना,
वीडियो गेम पर मारियो में घंटों गुज़र जाना
और धूप में भी क्रिकेट की पिच सज जाना,
अच्छा था वो बचपन का ज़माना।
होली पर नए रंगों का खज़ाना और बाज़ार में सबसे नई पिचकारी का पता लगाना,
दीपावली पर नए-नए पटाखों की लिस्ट बनाना,
त्यौहार पर नए-नए पकवानों का मुँह में घूल जाना,
अच्छा था वो बचपन का ज़माना।
टीवी ब्लैक एंड व्हाइट थी लेकिन रंगीन था ज़माना,
फेसबुक और इंस्टाग्राम नहीं थे लेकिन सबकी बातें और तस्वीर का यूँ ही दिलों में बस जाना,
बिजली जाने पर भी कभी अँधेरा का जरा भी अहसास ना आना,
अच्छा था वो बचपन का ज़माना।
उम्र भले ही बड़ जाए लेकिन बचपन तुम बड़े मत हो जाना,
पड़ाव कोई भी हो पर बचपन तुम बुढ़ापे की आख़िरी घड़ी तक मेरा साथ निभाना,
कितना भी बदले जमाना ,कुछ भी हो जाये पुराना ,बस तुम बचपन को भूल ना जाना,
क्योंकि अच्छा था वो बचपन का ज़माना।
बचपन सलामत रहे
बालदिवस की शुभकामनाएं
© Anurag Dubey