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"पहेली"
#NoMemory

शीतल के पैरों और पूरे शरीर को समुन्दर का पानी भिगो रहा था,मगर वो निष्चेतक अवस्था में पड़ी थी
वहाँ घूमने आए कुछ लोगों की निगाह उस पर पड़ीं,उन्ही में श्याम भी था जो अपने दोस्तों के साथ घूमने गोवा आया था,सबने पास जाकर देखा तो इल्म हुआ वो जिन्दा है।
श्याम अपने दोस्तों की मदद से उसे किनारे ले आया और उसे होश में लाने की कोशिश करने लगा
कुछ देर बाद शीतल को होश आ गया,लेकिन उसे कुछ भी याद नहीं आ रहा था अपना नाम अपना घर,घर वालो का पता वो कुछ भी बताने में असमर्थ थी,श्याम भी कुछ समझ नहीं पाया कि क्या करे,खैर शीतल ने वही पास हीं के एक होटल में कुछ दिनों के लिए रूम बुक करा लिया और वहाँ चली गई।
श्याम उसके बगल में ही दूसरे होटल में रह रहा था,वो आते जाते शीतल को देख सकता था। शीतल उसे एक अच्छे घर की लड़की लग रही थी,उसे तो उसका नाम भी नहीं पता था,खुद शीतल भी अपना नाम भुला चुकी थी (यहाँ केवल पाठकों को ज्ञात करने के लिए उसका नाम बताया गया है)
श्याम दूसरे दिन सवेरे समुन्दर किनारे बैठा था तभी वहाँ शीतल आ गई आज उसनें नीले रंग का गाऊन पहना था और बहुत खूबसूरत लग रही थी,श्याम उसे देखता ही रह गया फिर खुद को संयत कर पूछा कुछ याद आया आपको,शीतल ने न मे सिर हिला दिया।
श्याम ने पूछा तो फिर आगे क्या करना है कहा जायेगी आप?
शीतल चुप रहीं शायद ये प्रश्न वो खुद अपने आप से भी कर रहीं थी।
फिर श्याम ने खामोशी तोड़ी और बोला ऐसा कीजिये आप मेरे साथ मेरे शहर चलिए वहाँ कोई नौकरी कर लीजिए और मेरे घर पर पेईग गेस्ट के तौर पर रहिये,शीतल को श्याम का सुझाव पसंद आया मगर वो करेगी क्या न उसके पास सर्टिफिकेट है न अपना नाम श्याम ने कहा आप चलिए तो वहाँ देखा जायेगा,शीतल तैयार हो गई उसके पास अगर कुछ था तो बहुत पैसे थे जो उसे उसके बैग में मिले थे मगर बैग में न उसका कोई कार्ड था न पता न फोन जिससे वो अपने बारे में कुछ जान सकतीं।
शीतल श्याम के साथ मुबंई चलीं आई और श्याम के घर के फस्ट फ्लोर पर पेईग गेस्ट के तौर पर रहने लगीं।
काफी सोचने के बाद एक दिन उसने श्याम से कहा वो सबको अपना नाम नीलू बताएगी और उसे लगता है कि वो एक डबिंग आटिस्ट के रूप में काम कर सकतीं है और फिर थोड़ी कोशिश करने पर ही उसे काम मिल गया यहाँ न सर्टिफिकेट की जरूरत थी न किसी नाम के एपरूवल की बस अब दिन इसी तरह गुज़रने लगे ।
शीतल को अब लगने लगा था कि वो श्याम को पसंद करने लगीं है उसकी सादगी और गहरी आंखों में उसे अपने लिए अथाह प्रेम महसूस होने लगा था,लेकिन फिर उसनें खुद को संभाल लिया कि उसे तो ये भी पता नहीं कौन है वो कहाँ रहती है शादीशुदा है या कुवांरी फिर कैसे वो श्याम से कोई रिश्ता बांध सकतीं है,एक दिन जब श्याम ने अपने दिल की बात शीतल को बतायी तो शीतल ने श्याम से वही सब बातें कह दी जो उसके मन में चल रही थी लेकिन श्याम ने कहा कि उसे उसकी पिछली जिन्दगी से कोई मतलब नहीं वो सिर्फ नीलू का आज जानता है और यही उसके लिए काफी है ।
श्याम ने अपने मन की बात अपने माता पिता से कह दी तो उन्हें भी कोई आपत्ति नहीं थी आखिर वो भी एक साल से शीतल को देख रहे थे, सब के राजी हो जाने पर विवाह की तिथि निकाले जाने लगी और एक माह बाद दोनों का विवाह तय हुआ।
श्याम और शीतल दोनों बहुत खुश थें ।
एक दिन श्याम और शीतल शादी की कुछ खरीदारी करने साथ निकले दोनों खरीदारी करके वापस लौट रहे थे कि अचानक श्याम का बेलैंस बिगड़ गया और उनकी कार सामने डिवाइडर से जा टकराई झटका इतना जोर का था कि दोनों बेहोश हो गए वहाँ पास खड़े कुछ लोगों ने दोनों को बेहोशी की हालत में अस्पताल पहुँचाया कुछ देर बाद दोनों को होश आया मगर होश में आते ही शीतल ने श्याम को नहीं पहचाना और डाक्टरों से अंग्रेजी में बोलने लगी कि वो मुबंई के वर्सोवा इलाके में रहतीं है उसके कार का एक्सीडेंट हो गया था वो यहाँ कैसे पहुँचीं श्याम ने उसे पूरी बात बताई तब शीतल ने उसे धन्यवाद कहते हुए अपना नाम शीतल बताया और बोलीं वो आर. जे.एड.आर.जे ग्रुप के मालिक दिवाकर बोस की वाईव है और उसकी एक छ साल की बेटी है, एक साल पहले वो किसी पार्टी में गई थी और वहाँ से लौटते वक्त उसका एक्सीडेंट हो गया था।
इस बीच श्याम और उसके परिवार वालों ने उसे सहारा दिया इसके लिए उसने उनका आभार व्यक्त किया,श्याम ने अपने और शीतल की विवाह की बात उसे नहीं बतायीं,बता कर भी क्या होता, शीतल खुशी खुशी अपने घर चली गई,यादाश्त खो जाने पर उसने जो कुछ भी किया था वो सब वो भुला चुकीं थी,श्याम बोझिल कदमों से अपने कार की ओर बड़ गया ।
© Deepa
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