...

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unknown love #3
वक़्त थोड़ा बिता ही था
ना जाने हम अनजान से कब
दोस्त और एक दूसरे को
जान जान कहकर पुकारने लगे।
इतना पागलपन मस्तिष्क में था कि
उसे भी शायद पता लग चुका होगा
की इश्क़ हो रहा है मुझे
मै उसके लिए बावरी होती जा रही हूं।
अब वो सामने होता है तो
बातें करती हूं,
पर बोलते बोलते ख़ामोश होती हूं
और उस ख़ामोशी को अक्सर
वही तोड़ता है।
और
मज़े में बोलता है-
"क्या मैडम! कोई पसंद आ गया क्या
किसके लिए इतनी बेचैन हो आखिर?
कौन है! जो तुम्हे हर वक़्त खुश रखता है?
आखिर किसके ख्यालों में खोई रहती हो?"
जवाब में ना कुछ बोल पाती
नाही आंखे चुरा पाती।
वो इतना खास बन चुका था
की क्या कहूं समझ नहीं पाती।
फिर इंतज़ार की घड़ी खत्म हुई
मेरा बर्थडे आया
अब उस पिक का इंतजार था
सामने ज़्यादा बड़ा नहीं
पर एक केक आया
उसमें हमारी वाली पिक की तस्वीर थी
आंखे थोड़ी नम थी
आखिर पहली बार मेरा बर्थडे
इतना खास था
सिर्फ कैंडल्स दिख रहे थे
वो नहीं
की इतने में पीछे से
मुझे उसकी आवाज़ आई
बोला present पसंद आया।
मै जवाब देती कि उसने कहा
" मुझे मालूम है तुम मुझसे प्यार करती हो
बस बोलने से डरती हो
क्यों है, ना
तो चलो आज तुम्हारा
एक और सपना पूरा करूंगा
पहले केक काटो।"
मै स्तब्ध थी
उसने मेरा हाथ थामा और
केक काटा
मै ख़ामोश हसूं या उच्छलूं
समझ नहीं आ रहा था
फिलहाल आंखो में अश्रु
और ज़हन में सवाल था।

© Anushka_28


to be continue.....
आगे कौनसा ख्वाब पूरा होने जा रहा है
क्या हो सकता है, ज़रा सोच कर बताइए।
अगर पसंद आए तो कमेंट ज़रूर करिएगा।