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दोबारा इश्क
आज आफिस से छेती छेती घर आ रही थी ,लग रहा था बहुत कुछ पीछे रह गया है तैयार होकर रेहान की पार्टी में जाना था ।घर पहुँची तो सारा सामान बिखरा था आज शायद गीता नही आई थी ।मैं स्टूडियों अपार्टमेंट मे रहती थी घर छोटा था पर मैं उसे व्यवस्थित रखती थी ।दो दिन से तबीयत ठीक नहीं थी तो बस ये हाल हुआ था ।एक नजर कमरे पर डाल चाय बनायी और लग गई सफ़ाई में तभी मोबाईल की घंटी बजी अनसुना कर काम में लगी रही दोबारा घंटी बजी तो देखा कोई अनजान नंबर था मैं मन ही मन सोच रही कौन हो सकता है ,तभी फिर घंटी बजी मैं हाथ से चादर ठीक करते हुए बेमन से स्पीकर पर बोली हैलो उधर से आवाज़ आई ।मैं रश्मी से बात कर सकता हूँ मैने राँग नंबर कह फोन रख दिए फोन रखते लगा शायद वो अजनबी कुछ और कहना चाह रहा था ।

थोड़ी देर बाद फिर से रिंग हुआ न चाहते हुए मैने फोन हाथ में ले लिया ।हैलो बोलते ही उसने कहा फोन मत काटना मुझे कुछ बात करनी है मैंने कहा बताओ क्या कहना है वो कहता गया ये फोन पहले रश्मी का था ।बहुत दिंनों बाद मैने उसे काँल किया है अगर वो आसपास है तो उसे फोन दे दीजिए ।मैंने कहा मैं रश्मी को नहीं जानती मेरा नाम पाखी है ,उसके आवाज़ में एक दर्द के साथ कहीं परेशानी भी थी शायद इसलिए मैंने अपना नाम बता दिया ।मेरे नाम बताने के बाद उसने अपना नाम आकाश बताया ।मै उसे बाय करके फोन काट दी फिर काम में लग गई ।पार्टी के लिए निकली टैक्सी में बैठते ही मैंने उस नंबर को पता नहीं क्यों शेव कर लिया ।

अचानक व्टायअप स्टेटस पर उसकी कुछ तस्वीरें दिखी देखने में बहुत ही समझदार लगा शायद कहीं से घूमकर आया था वो तस्वीरें लगा रखी थी पर गाने सारे दर्द वाले थे ।

मैं पार्टी में पहुँची वहाँ ख़ूब धमाल मचा था रेहान ने बहुत बडी पार्टी की थी सब मस्ती में झूम रहे थे डाँस फ़्लोर पर हमारा पूरा ग्रुप शबब पर था ।अचानक आकाश मुझे दिखा रेहान ने माईक हाथ में लेकर कहा कि ये हमारे शायर साहब है कुछ सुनाएँगे फिर गाना भी सुनांऐगे ये बहुत अच्छा गाते है ।मैं बस दम साधे देख रही थी ।उसने जो शायरी सुनाई चारों तरफ बस वाहवाही होने लगी पार्टी का रंग और जम गया ।

फिर उसने माईक हाथ में ले यू गाना शुरू किया सब बस झूम उठे मैं तो पता नहीं उसमें कहीं खोती जा रही थी सब उसके साथ फ़ोटो खिंचवाए मैं भी भीड में शामिल थी रेहान ने हम सब से उसका परिचय कराया वो बस मुस्करा कर सबसे मिला फिर चला गया उसके जाते पार्टी की रौनक़ ख़त्म मैं उसके में खोयी थी कहीं उसकी फोन वाली आवाज़ में षायद ज़्यादा खिंचाव थी ।रेहान बता रहा था ये किसी से बहुत प्यार करता था वो लड़की किसी और के सांथ चली गई है ये टूट गया है ।

मैं किसी को कुछ बताए बग़ैर उसको फोन फिर से उसने एक रिंग मे उठा लिया ।मेरे हैलो बोलते ही कहने लगा इस नंबर में मेरी जान बसती है ।मैंने पूछा पहचान लिया मैं कौन हूँ उसने बस इतना कहा हाँ वही जिसे आज शाम मैं काँल करके परेशान किया ।मैं हँस दी और पूछ बैठी कैसे हो आप ?हाँ जी चंगा हूँ आप बताए मोहतरमा तुसी किं कर दी हो ।मैने कहा कल मिलते है उसने सीधा कहा नहीं जी इक बार मेरा दिल जल चुका दुबारा किसी कुरी नाल नहीं मिलना |मैं ने ओके किया काँल काट दिया पर दिल शायद उसके आस पास घूम रहा था ।

अगले दिन आफिस से मुझे गोवा जाना था मैं सींधा एयर पोर्ट पहुँची सारे फारमलिटिज के बाद गेट नंबर 3 पर अपने हवाईजहाज़ के इंतजार में बैठी सोच रही थी कि उसे काल करती हूँ अचानक बग़ल में आकर आकाश बैठ गया मैं अवाक थी अभी भगवान से जो माँगती मिल जाता ।मैं कनखियो से उसे देखे जा रही थी ।पर उसने मेरे ऊपर ग़ौर भी नहीं किया कि हम रेहान की पार्टी मे मिले थे ।अब तक मै लाईन लगकर फ़्लाईट में बैठ चुकी थी मेरी नज़रें उसे ढूँढ रही थी वो आया मेरी बग़ल की सीट पर बैठा मैं बस खामोशी से उसे पढ रही थी ।हमारा सफ़र शुरू हुआ पर उसे कोई मतलब न था कौन बग़ल में बैठा है आँखें बंद करके वो सो चुका था ।थोड़ी देर के इंतजार के बाद मैं भी सो गई आँखें खुली तो मैं आकाश के छाती पर सिर रखे सो रही थी उठते ही मैंने साँरी कही उसने मुस्करा कर जबाब दिया फिर हम आपस में बातें करने लगे मैंने रेहान की पार्टी का ज़िक्र किया तब उसने पहचानाना अब तक हम बहुत सहज हो गए थे ।

बातों बातों में उसने बताया कि अब उसका ईश्क पर से भरोसा उठ गया है पर उस लड़की के हर एक चीज़ से ना जाने क्यों अभी भी प्यार है ।फिर धीरे से कहा वैसे तो वो बहुत दूर चली गई है पर उसका नंबर यहीं रह गया अपना मोबाईल दिखाते हुए कहा ।इस नंबर से एक लड़की से बात हो रही दो दिन से लगता है जैसे मैं उससे जुड़ गया हूँ ।मैं हैरान उसे देखते हुए बोली फिर उस लड़की से बात करनी चाहिए ।वो हँसा कहने लगा कौन सा वो मेरे लिए बैठी होगी और अब इंनकार बर्दाश्त नहीं कर पाऊँगा ।फिर हम इधर उधर की बातें करने लगे वाक़ई आकाश बहुत अच्छा लड़का था ।

फ्लाईट लैंड हुई सिग्नल मिलते ही मैंने सबसे पहले आकाश का नंबर लगाया उसने काट दिया मेरे बग़ल में बैठा था मैं देख रही थी ।दोबारा किया फिर काट दिया मैंने कहा काल क्यों नहीं उठा रहे उसने मासूमियत से कहा उसी लड़की पाखी का है मैं बोल पड़ी देखो क्या कहती है आकाश ने कहा उसे आज मिलना है पर मुझे अब किसी से नहीं मिलना मुझसे ईश्क दोबारा नहीं होगा और अगर उससे मिला तो शायद हम उस रास्ते पर बढ़ चले अगर वो इंनकार कर दी तो टूट जाऊँगा ।तब तक फिर रिंग बजी मैं ने ईशारों में कहा फोन उठाकर उसे कह दो तुम बाहर हो उसे ठीक लगा उसने जैसे हैलो कहा मैं अपनी फोन से बग़ल मे बैठी हैलो बेल पड़ी वो हैरान रह गया ये देखकर फिर मैं उसे समझाई प्यार है दोबारा क्यों नहीं हो सकता जिंदगी को मौक़ा तो दो ।
हम दोनों इस बात पर हँस पड़े उसने हाथ पकड़ते हुए कहा छोड़ना मत कभी वरना मैं डूब जाऊँगा मैंने हामी मे सिर हिलाया की सारी उम्र साथ रहूँगी ।


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