...

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माही द लीजेंड!
दिन 15 Aug 20 समय 1929 ,
एक बचपन के दोस्त का call आता है मगर पता नहीं उसके बाद ऐसा लगता है कि किसी ने एकदम झटके से बचपन का खिलौना छीन लिया हो ,

दोस्त बेरुखी मन से - भाई , धोनी रिटायर्ड हो गया !
मैं - क्या? अबे यार ! भक्क ! s..la ऐसा मजाक न किया करो बे , दिमाग की दही मत कर भाई,
पहला reaction ,फिर इसके बाद एक लंबी खामोशी टूट रही .. !

तुम्हारा वो ग्लव्ज निकालकर भागना , बिना देखे स्टंप्स की गिल्लियां बिखेर देना , पीछे खड़े खड़े बाज़ी पलट देना , आखिरी में छक्के से मैच जिताना , सब जहन में कल की तरह ही अभी भी ताजा था , शायद अब अमर हो गया !

सबके out हो जाने के बाद भी एक उम्मीद थी -" कि चलो धोनी भाई बा न त , कौनो बात नइखे" - अब इतना भरोसा , इतनी उम्मीद किसी और से रखना खुद से बेईमानी करने जैसा होगा !

गली , मोहल्ले में क्रिकेट खेलकर ही अपना बचपन बीता है, मैं MSD का बहुत बड़ा वाला पंखा ( FAN ) हु , उसकी कप्तानी , मैच finishing मगर उन सबमें सबसे भी ज्यादा - उसका व्यक्तित्व ,
कि s..la कैसे एक इंसान क्रिकेट वर्ल्ड कप जीताने के बाद भी सामान्य रह सकता है , मतलब आखिर कैसे ! आजकल जहाँ लोग इस होड़ में रहते है कि कैसे एक दूसरे से आगे निकल जाय - तुम थे कि खुद को side करके दूसरों को आगे कर देते थे ! कैसे ! तुमसे से ही सीखे कि बिना हो - हल्ला किये विदा लिया जा सकता है तुमने असल में सिखाया कि कैसे अगर सपनों के साथ ईमानदार रहो तो कामयाबी देर से ही सही पर झक मारके आएगी जरूर , सीखे कि बड़े सपने बड़ी कीमत मांगते है !

अब क्रिकेट भी पहले से कम देखा जाएगा , विकेट के पीछे तुम्हें न देखना , बहुत खलेगा , हर खिलाड़ी का रिप्लेसमेंट मिल सकता है पर तुम्हारा मिलना नामुमकिन है

तुमसे अब और कुछ नहीं बस शुक्रिया कहना था ,
तुम हमेशा करोणों दिलो पर राज करते रहोगे !

We will Miss MSD always


© Dev