एक नज़र राजनीति
जो लोग रोजगार की तलाश में नेता बन गए
या बाहुबल दिखाकर नेता बन गए या ताकत हासिल करने के लिए नेता बन गए। उन से क्या उम्मीद करेंगे की वो लोग देश की हालत को सुधारेंगे। जहाँ तक जो कुछ है वे सब भी लूट लेंगे। अगर हमारे देश की आजादी के वक्त नेताओं में देशभक्ति नहीं होती तो शायद आज हमारे पास इतना कुछ नहीं होता। आज भारत की तरक्की में महज छह -सात राज्यों का ही योगदान है और इसमें बिहार सबसे फिसड्डी है उसका कारण बिहार की जनता नहीं बल्कि वहाँ की राजनीति में संलिप्त आज के नेता हैं।
अगर जय प्रकाश नरायण जी ने आन्दोलन न किये होते और अन्य राज्य के नेताओं ने उस वक्त देश की लोकतंत्र को बचाया होता तो आज बिहार इतना दुर्दशा नहीं झेल रहा होता।
उसी आन्दोलन से निकले सारे नेता बिहार की जनता को मजदूर बना दिया।
आज बिहार बदहाली में है जनता में केवल और केवल डर है शायद इसीलिए सही सरकार की चुनाव नहीं कर पाते ।जनता जागेगी उम्मीद है एक दिन सब बदलेगा।
या बाहुबल दिखाकर नेता बन गए या ताकत हासिल करने के लिए नेता बन गए। उन से क्या उम्मीद करेंगे की वो लोग देश की हालत को सुधारेंगे। जहाँ तक जो कुछ है वे सब भी लूट लेंगे। अगर हमारे देश की आजादी के वक्त नेताओं में देशभक्ति नहीं होती तो शायद आज हमारे पास इतना कुछ नहीं होता। आज भारत की तरक्की में महज छह -सात राज्यों का ही योगदान है और इसमें बिहार सबसे फिसड्डी है उसका कारण बिहार की जनता नहीं बल्कि वहाँ की राजनीति में संलिप्त आज के नेता हैं।
अगर जय प्रकाश नरायण जी ने आन्दोलन न किये होते और अन्य राज्य के नेताओं ने उस वक्त देश की लोकतंत्र को बचाया होता तो आज बिहार इतना दुर्दशा नहीं झेल रहा होता।
उसी आन्दोलन से निकले सारे नेता बिहार की जनता को मजदूर बना दिया।
आज बिहार बदहाली में है जनता में केवल और केवल डर है शायद इसीलिए सही सरकार की चुनाव नहीं कर पाते ।जनता जागेगी उम्मीद है एक दिन सब बदलेगा।
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