बोल। भी बोले पर दिल से ना बोले
अक्सर हमने बोले कई झूठ थे उस में भी कोई वजह रही हमारी थी बोलना नहीं चाहा हमने कभी झूठ पर बोलने में ही शायद हमारी भलाई थी केसी बनी स्तिथि थी केसे हमने उस वक्त बह पार लंघाई थी किसी ओर की नहीं बल्कि अपनी ही भावनाओं की पहचान हमने ग्बाई थी
© @tul choudhary
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