kahani
सुख दुःख की कहानी
जिन्दगी की रवानी
कहीं छाँव भली
तो कहीं धूप सुहानी
कभी कभी यूँ ही बिना कहे भी कुछ कह दिया करो
चलो छोड़ो तुम मेरी खामोशी पढ़ लिया करो
पर तुम हमेशा अजनबी से बने रहे जाने क्यों
मैने जब जब पढ़नी चाही तुम्हारी पीड़ा तब तब तुमने मुंह फेर लिया
मैने जब भी झांकना चाहा तुम्हारी...
जिन्दगी की रवानी
कहीं छाँव भली
तो कहीं धूप सुहानी
कभी कभी यूँ ही बिना कहे भी कुछ कह दिया करो
चलो छोड़ो तुम मेरी खामोशी पढ़ लिया करो
पर तुम हमेशा अजनबी से बने रहे जाने क्यों
मैने जब जब पढ़नी चाही तुम्हारी पीड़ा तब तब तुमने मुंह फेर लिया
मैने जब भी झांकना चाहा तुम्हारी...